Uttarkashi Tunnel Rescue : पिछले 4 दिनों से उत्तरकाशी (Uttarkashi) की सिल्क्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में फंसी 40 ज़िंदगियां मौत से जूझ रही है। 4 दिन बाद भी प्रशासन इन्हें बाहर नहीं निकाल पाया। अब इन्हें सुरक्षित बचाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister Office) के निर्देश पर वायु सेना (Airforce) की तीन ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई। जिसके बाद जल्द से जल्द सभी मजदूर बाहर होंगे।
बता दें कि पीएमओ के निर्देश पर वायु सेना के तीन हरक्यूलिस विमान (hercules aircraft) से हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन (high power auger drilling machine) नई दिल्ली से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी (Chinyalisaur Airstrip) पर पहुंचाई गई। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से 32 किलोमीटर दूर सिल्क्यारा तक ट्रेलर में पहुंचाने का काम चल रहा है।
NHIDCL के निदेशक अंशु मनीष खलको ने बताया कि बुधवार रात तक हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन स्थापित हो पाएगी। वहीं मशीन के संचालित होने पर करीब 50 मीटर पाइपों की एस्केप टनल तैयार हो पाएगी।
बता दें कि इस हाई पावर मशीन के जरिए हर घंटे पांच मीटर मलबे को पार किया जा सकेगा। वहीं दूसरी तरफ सिल्क्यारा में सुरंग के बाहर परिजनों और श्रमिकों की सब्र का बांध भी टूटता दिखा। करीब दो घंटे तक जमकर हंगामा हुआ।
प्रशासन ने PMO से की हाई ड्रिलिंग मशीन की मांग
मंगलवार की रात को सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन को संचालित किया गया। करीब तीन मीटर तक मलबा पार करने के बाद मशीन का एक पार्ट खराब हो गया। जिसके कारण रेस्क्यू (Uttarkashi Tunnel) में रुकावट पैदा हो गई। रात में ही प्रशासन ने इसकी रिपोर्ट शासन और पीएमओ को दी और हाई ड्रिलिंग मशीन की मांग की थी।
पीएमओ के निर्देश पर बुधवार को नई दिल्ली के पालमपुर एयरपोर्ट से हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन के पार्ट्स को लेकर तीन हरक्यूलिस विमान चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचे। यह हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन 25 टन भरी है। जो मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी।
विदेशी विशेषज्ञ टीमों की ली जा रही मदद
NHIDCL के डायरेक्टर ने बताया कि हाई पावर ड्रिलिंग मशीन नई तकनीक की मशीन है। इस मशीन के जरिये उन्हें पूरी उम्मीद है कि एस्केप टनल तैयार हो जाएगी। इसके लिए प्लेटफार्म तैयार किया गया है। खलको ने बताया कि इंटरनेट मीडिया के जरिये नॉर्वे और थाईलैंड की विशेषज्ञ टीमों की भी मदद ली जा रही है। विशेषज्ञों की इस टीम ने थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकालने में मदद की थी।