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Uttarkashi Tunnel Rescue : इस मशीन से रेस्क्यू में फिर आई तेजी, बस कुछ ही घंटे बाकी!

Uttarkashi Tunnel Rescue Operation : उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 15 दिन हो गए हैं। लेकिन अभी तक बचाव टीम को कोई सफलता नहीं मिली है। 45 मीटर की ड्रिलिंग पूरी होने के अनुमान लगाया जा रहा था कि 12 से 14 घंटे में सभी मजदूरों को निकाल लिया जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। वहीं वर्टिकल ड्रिलिंग को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

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बता दें कि माइक्रो टनलिंग एक्सपर्ट क्रिस कूपर ने कहा कि प्लाज्मा मशीन से ऑगर काटा जा रहा है। अभी भी लगभग 16 मीटर से ज्यादा काटना बाकी है। प्लाज्मा मशीन स्टील को बहुत तेजी से काटती है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि हैदराबाद से जो प्लाज्मा मशीन लाई गई है, उसने काम करना शुरू कर दिया है। कटाई तेजी से चल रही है। अब कुल 14 मीटर की दूरी शेष बची हुई है जो अगले कुछ घंटों में पूरी कर ली जाएगी। उसके बाद मैन्युअल ड्रिलिंग का काम शुरू हो जाएगा।

लेट लतीफी पर अधिकारियों ने जताई नाराजगी

Uttarkashi Tunnel Rescue Update

सिलक्यारा (Silkyara) में वर्टिकल ड्रिलिंग को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बता दें कि वर्टिकल ड्रिलिंग करने के लिए शनिवार देर रात को ही पाइल ड्रिलिंग मशीन सुरंग की ऊपरी पहाड़ी पर चैनेज 300 पर पहुंच चुकी थी। लेकिन इस पर असेंबल किए जाने वाले कई पार्ट अब तक नहीं पहुंचे हैं। इसको लेकर सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) लिमिटेड के अधिकारियों ने नवयुग कंपनी के प्रति नाराजगी भी जाहिर की है। असेंबल किए जाने वाले पार्ट को पहुंचाने के लिए पहले शनिवार रात का समय दिया गया था। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।

उत्तरकाशी में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन (Uttarkashi Tunnel Rescue) की आवश्यकताओं को देखते हुए कल देर शाम भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने डीआरडीओ (The Defence Research and Development Organisation) के महत्वपूर्ण उपकरण के साथ देहरादून के लिए उड़ान भरी थी।

बता दें कि सिलक्यारा टनल के मलबे में फंसे 41 श्रमिकों को आधा महीना बीत गया है। श्रमिकों को निकालने के लिए खोज बचाव टीम जुटी हुई है। हालांकि अभी तक रेस्क्यू टीम को कोई सफलता नहीं मिली है। घटनास्थल पर मजदूरों के परिजन भी उनके बाहर निकलने की आस लगाए कई दिनों से बैठे हैं।

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