Uttarkashi Tunnel Rescue : उत्तरकाशी टनल हादसे (Uttarkashi Tunnel Accident) को लेकर नया अपडेट आया है। आज रात या कल सुबह तक सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। टनल हादसे (Silkyara Tunnel Accident) में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
फिलहाल ये अभियान अपने आखिरी पड़ाव पर है। सुरंग के बाहर एंबुलेंस भी तैनात कर दी गई है। जल्द ही मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। खुद पीएम मोदी (PM Narendra Modi) इस संबंध में पल-पल की जानकारी ले रहे हैं।
39 मीटर पाइप की हुई ड्रिलिंग
बता दें कि 12 नवंबर से उत्तरकाशी के निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम जारी है। मंगलवार से रेस्क्यू ऑपरेशन (Uttarkashi Tunnel Rescue) तेज कर दिया गया है और बुधवार सुबह करीब 11 बजे तक 39 मीटर पाइप ड्रिल किया जा चुका है, जबकि कुल 60 से 70 मीटर लंबा पाइप ड्रिल किया जाना है।
तैयारियों में जुटा प्रशासन
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Ambulances have been stationed at the incident site.
A part of the Silkyara tunnel collapsed in Uttarkashi on November 12 and 41 workers are stranded inside the tunnel pic.twitter.com/szwypMbpfX
— ANI (@ANI) November 22, 2023
प्रशासन भी अपनी अन्य तैयारी में जुट गया है। श्रमिकों को अस्पताल पहुंचाने के लिए पर्याप्त एंबुलेंस का भी इंतजाम किया जा रहा है। टिहरी (Tihri) और अन्य जिलों से भी एंबुलेंस मंगाई गई है। अनुमान है कि बुधवार की रात या वीरवार की सुबह तक सभी 41 श्रमिकों को बाहर निकाल लिया जाएगा।
पीएम मोदी ने लिया रेस्क्यू का अपडेट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) से फोन पर बात की और उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन (Uttarkashi Tunnel Rescue) की जानकारी ली। सीएम धामी ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है।
5 एजेंसियों को मिली जिम्मेदारी
बता दें कि सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू के लिए पांच एजेंसियां युद्ध स्तर पर कार्य कर रहीं हैं। ओएनजीसी (ONGC), एसजेवीएनएल (SJVNL), आरवीएनएल (RVNL), एनएचआईडीसीएल (NHIDCL) और टीएचडीसीएल (THDCL) ये वो एजेंसियां हैं, जिम्मेदारी सौंपी गई हैं।
वर्टिकल ड्रिलिंग की जगह चिन्हित
बीआरओ के कमांडर विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि सिलक्यारा की ओर से 1.2 किलोमीटर सड़क बीआरओ ने 48 घंटे में तैयार की है। जबकि अब 4.5 किलोमीटर की सड़क बड़कोट की ओर से तैयार करने की तैयारी है। जिसके बाद ओएनजीसी वहां वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी करेगी।
जल्द मिलेगी अच्छी खबर
आरवीएनएल की कंसलटेंसी एजेंसी के इंजीनियर नाईजेल ने कहा कि ऑगर मशीन से रेस्क्यू काम चल रहा है। इंजीनियरिंग समय लेती है और बिना हड़बड़ी किए तेजी से काम करना होता है। इसलिए जल्द ही रेस्क्यू से जुड़ी एक अच्छी खबर मिलेगी। पूरी टीम रेस्क्यू में जुटी हुई है। अगर औगर मशीन से ड्रिलिंग में कुछ रुकावट आती है तो दूसरे ऑप्शंस पर भी तेजी से कम होगा।