Virat Kohli Birthday: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और स्टार क्रिकेटर विराट कोहली (Virat Kohli) आज 35 साल के हो गए हैं। क्रिकेट की दुनिया में जितना प्यार विराट कोहली को मिला है उतना शायद किसी को नहीं मिला। हां सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के लिए लोगों में दीवानगी अब भी है लेकिन विराट जितनी नहीं। बच्चे हो या बड़े विराट कोहली ने हर किसी का दिल जीता है।
कहते हैं पिता का समय जब तक बच्चों के सिर पर रहता है तब तक उसका बचपना रहता है। विराट भी 2006 में पिता प्रेम कोहली की मौत के बाद से जिम्मेदार व्यक्ति बन गए। पिता की मौत के समय विराट केवल 17 साल के थे और उस समय विराट दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम जिसे अब अरुण जेटली स्टेडियम के नाम से जाता जाता है, (Arun Jaitley Stadium) में कर्नाटक के खिलाफ हो रहे रणजी मैच (Ranji Trophy) खेल रहे थे। सिर से पिता की छाया हटना विराट के लिए बहुत बड़ा झटका था। लेकिन ऐसे माहौल में भी विराट रोए नहीं और अगले दिन स्टेडियम में 90 रनों की शानदार पारी खेली। खेल के बाद विराट अपने पिता का अंतिम संस्कार में पहुंचे। विराट (Virat Kohli) की दृढ़ता और साहस देख हर किसी ने उनकी तारीफ की।
ऐसे हुई इंटरनेशनल मैचों में एंट्री (Virat Kohli Entry in International Maches)
कोहली की लीडरशिप में भारतीय अंडर-19 टीम ने फरवरी 2008 में वर्ल्ड कप जीता था। मलेशिया (Malaysia) में खेले गए इस टूर्नामेंट में विराट कोहली ने शानदार प्रदर्शन किया था। अपने दमदार प्रदर्शन की वजह से ही कोहली की इंटरनेशनल मैचों में एंट्री हुई। 18 अगस्त 2008 को विराट ने अपना पहला ODI मैच श्रीलंका (Sri Lanka) के खिलाफ खेला। उसके बाद 2010 में जिंबाब्वे के खिलाफ कोहली ने T20 में डेब्यू किया। वहीं 20 जून 2011 में वेस्ट इंडीज (West Indies) के खिलाफ विराट ने अपना पहला टेस्ट (Test Match) मैच खेला। विराट के अंदर हमेशा से ही ज्यादा से ज्यादा रन बनाने की भूख रही है और 35 साल के होने के बाद भी विराट के अंदर वही जोश है।
2011 में वर्ल्ड कप जीतने के बाद विराट ने सचिन को अपने कंधों पर उठाकर मैदान के चारों तरफ घुमाया था।
2011-12 में ऑस्ट्रेलिया में हुई टेस्ट सीरीज में भारत की हार हुई थी लेकिन यह टेस्ट सीरीज विराट के लिए बेहद खास थी क्योंकि उन्होंने इस सीरीज में अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जड़ा था। विराट कोहली एक दशक में 20000 अंतर्राष्ट्रीय रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज हैं।
विराट की एंट्री से चली बदलाव की बयार
विराट को उनकी आक्रामकता के लिए भी जाना जाता है। लोग उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के फैन हैं। और इसी वजह से ऑस्ट्रेलिया (Australia) दौरे पर 2011-12 में वह चर्चा में भी रहे क्योंकि वह ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों और प्रशंसकों की स्लेजिंग का जवाब देने से नहीं डरे सबसे मजबूत खिलाड़ियों को भी उन्होंने सीधी चुनौती दी ऑस्ट्रेलिया में इसके बाद हुई कई सीरीज में ऐसा ही देखने को मिला।
2014-15 के दौरे के समय जब विराट और मिशेल जॉनसन मैदान पर भीड़ गए थे तो अंपायर को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में विराट की एंट्री से बदलाव की बयार चल रही थी। लोगों के लिए विराट का आक्रामक रूप और रुखा स्वभाव उन दिनों खूब चर्चा में था। टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और उनके साथी कहते थे कि विराट बहुत मेहनती और विनम्र है, और धीरे-धीरे दुनिया ने भी इसे देखा।
लोगों को पसंद आई विराट की आक्रामकता
विराट का यह रवैया कई देशों को पसंद आने लगा। हर कोई विराट को पूरे जोश और आक्रामकता के साथ बल्लेबाजी करते देखना चाहता है। ऑस्ट्रेलिया, वेस्ट इंडीज से लेकर पाकिस्तान में भी उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। आईसीसी ने उन्हें 2010 से 2020 तक के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के तौर पर सर गारफील्ड सोबर्स अवार्ड से सम्मानित भी किया। सचिन तेंदुलकर के बाद वनडे मैचों में 10 हजार का आंकड़ा पार करने वाले भारत के दूसरे बल्लेबाज हैं।
कप्तानी से लिया सन्यास
विराट की सफलता के पीछे उनके आत्मविश्वास, खेल के प्रति समर्पण, एकाग्रता और अनुशासन बहुत अहम रोल निभाता है। उनके इन्हीं गुण ऑन के कारण भारतीय टीम में विराट ने अपनी जगह पक्की की धोनी के संन्यास के बाद भारत की कप्तानी की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आई।
हालांकि कप्तानी के दबाव का असर विराट के बल्लेबाजी पर पड़ा। जिसके बाद उन्होंने 2022 में कप्तानी से संन्यास ले लिया और अपना पूरा फोकस बैटिंग पर दिया। 2021-22 विराट के लिए बहुत मुश्किल समय था क्योंकि उसे समय उनके बल्ले से रन नहीं बन रहे थे। इसके बाद उन्होंने एक महीना आराम किया। इस दौरान उन्होंने अपने बल्ले को हाथ तक नहीं लगाया।
विराट को इस बात का रहेगा दुःख
बता दें कि विराट ने 68 टेस्ट मैचों में भारत का नेतृत्व किया था। जिसमें कप्तान के तौर पर उनका जीत प्रतिशत 59 रहा। वहीं 95 ओडीआई मैचों में उन्होंने कप्तानी संभाली। इसमें से टीम ने 65 मैच जीते थे। विराट के कप्तानी में भारत को 50 टी-20 मैचों में से 16 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। लेकिन बतौर कप्तान वे आईसीसी का कोई टूर्नामेंट नहीं जीत सके। इसका दुख उन्हें हमेशा रहेगा। वहीं आईपीएल में भी विराट अपने पहले सीजन से रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से जुड़े हुए हैं हालांकि अभी तक वह अपनी टीम को चैंपियन नहीं बना सके।
2023 के वर्ल्ड कप के अपने 7 मैचों में विराट कोहली 442 रनों के साथ नंबर तीन पर है। भारत ने इस टूर्नामेंट में अब तक अपने 7 मैचों में जीत दर्ज की है। आज भारत और साउथ अफ्रीका का मैच है, ऐसे में हर किसी के मन में डर भी है, क्योंकि साउथ अफ्रीका इस समय सबसे मजबूत टीम के तौर पर देखी जा रही है। 4 बार साउथ अफ्रीका ने विपक्षी टीम को 350 से ज्यादा का टारगेट दिया है।