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गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में ये कैसी कानून व्यवस्था ?

सीएम के कार्यक्रम में दिव्यांग से लूट

गाजियाबाद। बुधवार को गाजियाबाद के घंटाघर रामलीला मैदान में आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पुलिस ने सुरक्षा के इंतजाम कड़े करने के लिए पांच लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की थी। पुराने शहर से होकर जाने वाला पूरा जीटीरोड मेरठ तिराहे से चौधरी मोड़ तक बंद कर दिया गया था।

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वजह सिर्फ यही थी कि सीएम के कार्यक्रम में किसी तरह की अनहोनी न होने पाए। मगर देखिए दिव्यांग छात्र मनोज से एक शातिर ने भीड़ का फायदा उठाकर मोबाइल फोन छीन लिया और फरार भी हो गया।

इस दिव्यांग के साथ हुई वारदात

मेरठ के रोहटा रोड स्थित अफजलपुर पावती निवासी मनोज इस वारदात के शिकार हुए हैं। वे दिव्यांग हैं और गाजियाबाद के ही एमएमएच कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। रोजगार नहीं होने की वजह से और स्मार्टफोन मिलने की सूचना पर वह मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पहुंचे थे। इसी दौरान वारदात के शिकार हो गए।

सरकार का दिया फोन ही लूटा

मनोज ने बताया कि कुछ छात्रों को खुद मुख्यमंत्री ने स्मार्टफोन दिए थे। जबकि, अधिकांश छात्रों को जहां वह बैठे थे वहीं कॉलेज के शिक्षकों की ओर से स्मार्टफोन दिए गए। एक शिक्षक ने उनको भी स्मार्टफोन दिया, तभी वहां से लोग भी निकलना शुरू हो गए। इसी दौरान एक व्यक्ति ने उनका स्मार्टफोन छीन लिया और भीड़ का फायदा उठाकर फरार हो गया।

काश ! कोई सुन लेता दिव्यांग पीड़ित की गुहार

कार्यक्रम के दौरान ही मनोज को स्मार्टफोन मिला था। घटना के दौरान पीड़ित ने लुटेरे को पकड़ने के लिए काफी शोर किया। मनोज ने बताया कि किसी ने उनकी गुहार पर ध्यान नहीं दिया। यदि सय रहते कार्रवाई होती तो लुटेरा पकड़ा जाता। पीड़ित ने नगर कोतवाली में घटना की तहरीर दे दी है।
एसीपी रितेश त्रिपाठी का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है। टीम को इस घटना के खुलासे के लिए लगाया गया है।

साहब ! इस चूक पर एक्शन कब ?

बुधवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में सुरक्षा के लिए हजारों पुलिस वाले तैनात थे। कमिश्नर साहब खुद भी प्रोटोकॉल की वजह से पहुंचे थे। प्रत्यशदर्शियों के अनुसार योगी आदित्यनाथ के पहुंचते ही उनकी सुरक्षा के लिए तैनात एक कॉंस्टेबल उनकी ओर देखने लगा तो कमिश्नर साहब ने उसे सार्वजनिक रूप से फटकार लगा दी। लेकिन सवाल ये कि जनता के बीच हुई सुरक्षा इस चूक पर साहब किसे दंडित करेंगे ये सवाल खड़ा तो होता है,लेकिन इसका जवाब साहब ही दे सकते हैं।

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