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ना कोई डर, ना कोई चिंता, अब देर रात भी महिलाएं कर सकेंगी ट्रैवल, शुरू हो रही नई सर्विस!

Transpeople Cab Drivers : आज कल लोगों में कैब का चलन बढ़ गया है। कहीं भी जाना होता है तो लोग जल्दी से कैब बुक करके अपने डेस्टिनेशन पर पहुंच जाते हैं। लेकिन रात के समय महिलाएं, पुरुष चालक होने के कारण कैब में सफर करने में संकोच करती हैं। ऐसे में एक कंपनी ने ऐप आधारित कैब सर्विस शुरू की है, जिसमें महिलाएं और ट्रांसपीपल अब एनसीआर की सड़कों पर कैब (transpeople cab drivers) चलाएंगे। डिमांड के मुताबिक ही कैब का संचालन एनसीआर के बाहर भी किया जाएगा।

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बता दें कि कैब की सुविधा दिल्ली एयरपोर्ट से उपलब्ध होगी। शुरुआत में 50 कैब का इस्तेमाल किया जाएगा। धीरे-धीरे कैब की संख्या 300 की जाएगी। बता दें कि 50 कैब में से 40 कैब महिलाएं चलाएंगी, जबकि 10 कैब ट्रांसपिपल यानी ट्रांसजेंडर चलाएंगे। इससे महिलाएं रात में भी आसानी से बिना किसी दर के ट्रैवल कर सकेंगी।

कैब चलाने का मौका मिलने से ट्रांसपीपल काफी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि इस काम के जरिए उनको एक अलग पहचान मिलेगी।

इस हफ्ते से शुरू होगी सर्विस

बता दें कि YMCA फरीदाबाद से बीटेक कर रहीं रूमन और नार्थ कैप यूनिवर्सिटी गुरुग्राम से बीटेक कर रहे सूरज कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्टार्टअप कंसेप्ट से प्रभावित होकर आर्बिन फियाकरे प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई है। यह ओला एवं उबर की तरह ही एप आधारित कैब सर्विस उपलब्ध कराएगी। हालांकि इसमें कैब ड्राइवर महिलाएं एवं ट्रांसपिपल होंगे। यही नहीं सभी कैब कंपनी की होंगी और इस हफ्ते से ये कैब सर्विस शुरू हो जाएगी।

सुरक्षा को लेकर खास ध्यान

वहीं सुरक्षा के लिहाज से सभी कैब जीपीएस से लैस होंगे। इसके अलावा कैब में एक पैनिक बटन भी होगा। कुछ गलत होने की आशंका पर बटन दबाते ही सूचना कंपनी के कंट्रोल रूम में पहुंच जाएगी। कंपनी मालिकों का कहना है कि ये सर्विस शुरू करने का मुख्य उद्देश्य ट्रांसपिपल को मुख्यधारा में लाना है।

सूरज कुमार सिंह ने कहा कि सभी कैब कंपनी की होगी, ऐसे में चालकों के ऊपर पूरा कंट्रोल कंपनी का होगा। ट्रांसजेंडर चाहते हैं कि उन्हें लोग ट्रांसपिपल कहें। इसे ध्यान में रखकर कंपनी में ट्रांसजेंडर की जगह ट्रांसपिपल शब्द का प्रयोग किया जाएगा।

मांग के मुताबिक बढ़ेगी कैब की संख्या

महिलाएं तो अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन ट्रांसपिपल को अभी भी कोई नौकरी नहीं देता है। फिलहाल उनके पास 100 महिलाओं और ट्रांसपिपल की एक लिस्ट है जो नौकरी करने के लिए तैयार हैं। मांग के मुताबिक ही कैब की संख्या बढ़ाई जाएगी।

ये कैब सर्विस शुरू होने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट से देर रात महिलाएं एनसीआर के किसी भी इलाके में जाने में संकोच नहीं करेंगी। ओला उबर कैब में पुरुष चालक होने के कारण महिलाएं थोड़ा डरती हैं।

GPS से मिलेगी कैब की पूरी जानकारी

वहीं जीपीएस सिस्टम की वजह से कैब कहां से कितने बजे चली और कितने बजे कहां तक पहुंची, पूरी जानकारी कंट्रोल रूम में अपडेट होती रहेगी। ऐप के अलावा एयरपोर्ट पर काउंटर से भी बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

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