भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) साल के पहले दिन ही कमाल करने वाला है. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने से लेकर सूर्य मिशन लॉन्च करने तक सभी सफल मिशनों के बाद 1 जनवरी को ISRO PSLV-C58-XPoSat मिशन लॉन्च करने की तैयारी में है. XPoSat का पूरा नाम एक्स-रे पोलरिमेट्री सैटेलाइट है. यह भारत का पहला मर्पित पोलारिमेट्री मिशन है. ISRO ने घोषणा की है कि XPoSat मिशन पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) का उपयोग करके सुबह 9:10 बजे लॉन्च होगा. इस मिशन के जरिए इसरो ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारों पर स्टडी करेगा. यह भारत की अंतरिक्ष की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने वाला है.
अतंरिक्ष के बारें में पता लगाने के लिए यह भारत का तीसरा मिशन है जो एक साल से कम अवधि में लॉच किया जाएगा. जब सबसे तारों का ईंधन खत्म हो जाता है या ऐसा कहें कि वे ‘मर जाते हैं, तब गुरुत्वाकर्षण के कारण नष्ट हो जाते हैं और अपने पीछे ब्लैक होल या न्यूट्रॉन तारे छोड़ जाते हैं. भारत का उपग्रह, XPoSAT या एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट है जो इस पर महत्वपूर्ण शोध करेगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के विश्वसनीय रॉकेट, पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल द्वारा इसे लॉन्च किया जाएगा.
NASA से बहुत कम खर्च में ISRO करेगा कमाल!
भारत के XPoSat उपग्रह की लागत लगभग 250 करोड़ रुपए (लगभग $ 30 मिलियन) है. ब्लैक हॉल के बारें में NASA के IXPE मिशन के लिए $ 188 मिलियन का खर्च हुआ है. नासा का ये स्पेस मिशन सिर्फ दो साल है, जबकि XPoSAT के पांच साल से अधिक समय तक चलने की उम्मीद जताई जा रही है.
ब्रह्मांड के बारें में गहन शोध के लिए भारत ने एक साल के अंदर यह तीसरा मिशन लॉच किया है. पहला चंद्रयान-3 मिशन था, जिसे 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च किया गया था. इसके बाद 2 सितंबर, 2023 को सौर वेधशाला, आदित्य-एल1 लॉन्च किया गया था.