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Thursday, October 17, 2024
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Bahraich Case : हिंसा का कौन जिम्मेदार ? छिड़ गया राजनीतिक ‘घमासान’

बीजेपी का विपक्ष पर वार, विपक्षी सरकार पर लगा रहे लापरवाही का आरोप

राहुल शर्मा

Lukhnow(यूपी)। एक मशहूर वॉलीवुड मूवी का गीत है कि पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए। ठीक इस गाने के बोल की तर्ज पर ही हालात यूपी में राजनीति से जुड़े किरदारों का भी है। यहां कुछ भी हो, राजनेताओं को एक-दूसरे पर छींटाकशी करने का केवल बहाना चाहिए। बहराइच में हुई हिंसा पर भी अब यूपी की सियासत में यही सब होने लगा है। जहां सत्ता विपक्ष पर प्रहार करने में लगी है, वहीं विपक्ष भी सरकार को घेरने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रहा।

सुधांशु त्रिवेदी (बीजेपी)

बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी सवाल उठाते हैं कि ये किसकी ताक़त बढ़ गई है कि इस तरीक़े से घटनाएं अचानक देश में बढ़ रही हैं। ये कौन सी शक्तियां हैं, जो भारत को कमजोर करना चाहती हैं ? पिछले 4 महीने से ही ये घटनाएँ क्यो हो रही है ? सुधांशु त्रिवेदी ने नाम भले ही नहीं लिया, मगर उनका इशारा लोकसभा चुनाव में यूपी में समाजवादी पार्टी की बढ़ी ताकत और जम्मू-कश्मीर चुनाव में बनी नई सरकार की ओर था।

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अखिलेश यादव (सपा)

ये पूरी घटना सरकारी मशीनरी की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने कहा कि विसर्जन जुलूस के दौरान सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए। हंगामे की सूचना पर क्यूआरटी को क्यों नहीं भेजा गया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त पुलिस की तैनाती क्यों नहीं हुई। यदि ये सोची-समझी साजिश थी तो सरकारी इंटेलिजेंस क्या कर रही थी। अखिलेश ने इस मामले में उच्चाधिकारियों की लापरवाही को माहौल बिगड़ने की वजह बताया।

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प्रियंका गांधी(कांग्रेस)

बहराइच में हुई हिंसा पर प्रशासन के निष्क्रिय होने की खबरें बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। सीएम और राज्य प्रशासन त्वरित एक्शन लेकर हिंसा रोकें और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें। जनता कानून हाथ में न ले और शांति बनाए रखे।

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चंद्रशेखर आजाद (आजाद समाज पार्टी)

बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान प्रशासनिक लापरवाही के कारण हिंसा हुई। योगीजी आप जिस पद पर हैं उस पद की संवैधानिक गरिमा है। आम जनता को अपनी हठधर्मिता की भेंट न चढ़ाएं। दंगों में लिप्त दोषियों पर कड़ी कार्रवाई साथ जन साधारण में विश्वास सुरक्षा बहाल कराएं।

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