प्रशासन ने ली राहत की सांस, 40 हिरासत में, पहुंचे लोगों पर
क्या होगा एक्शन ?
राहुल शर्मा
Ghaziabad(यूपी)। 36 बिरादरियों की महापंचायत के नाम पर पिछले एक हफ्ते से चल रहा एक्शन…ड्रामा और नौटंकी महज कुछ देर के ऑन कैमरा चली फिल्म के बाद खत्म हो गया। जी हां ! पिछले एक हफ्ते से अलग-अलग हिंदू संगठनों की ओर से टेक्स्ट और वीडियो मैसेज डाल-डालकर बड़े दावें किए जा रहे थे कि 13 अक्टूबर को डासना मंदिर पर महापंचायत होगी। हिंदू समाज की 36 बिरादरियों के लोग शिरकत करेंगे। दूर-दराज से दिग्गज हिंदूवादी नेता इस महापंचायत में शिरकत करने पहुंचेंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। आचार्य दीपांकर और लोनी के विधायक नंदकिशोर गूर्जर के अलावा कुछ एक और हिंदू संगठनों के नेता और संत वहां पहुंचे। कुछ देर का ड्रामा…नौटंकी मीडिया के कैमरों के सामने हुई और सब ओवर हो गया।
साढ़े 10 बजे बीजेपी विधायक का ऐलान
करीब साढ़े 10 बजे बीजेपी के लोनी विधायक नंदकिशोर गूर्जर ने कुछ समर्थकों के साथ अपना एक वीडियो ट्वीटर पर पोस्ट किया। वीडियो में बताया गया कि वो महापंचायत में जा रहे हैं। इसके बाद नंदकिशोर गूर्जर अपने समर्थकों के साथ पंचायत स्थल पर पहुंचे, फिर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वो मीडिया से बातचीत करते हुए कह रहे थे कि हम देखेंगे कि कौन मंदिर में दर्शन करने से रोकता है। मीडिया को कैमरों पर बयान देने के बाद कुछ देर का ड्रामा हुआ। अफसरों ने रोका। बीजेपी विधायक ने एतराज जताया और फिर हाईवे पर ही धरने पर बैठते हुए ऑन कैमरा ऐलान किया कि यहीं पंचायत होगी। कुछ देर बाद एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी. पहुंचे। विधायक व और मौजूद लोगों को समझाने बुझाने का पूरा ड्रामा ऑन कैमरा हुआ और विधायकजी समर्थकों के साथ चल पड़े। खत्म हो गई हाईवे की पंचायत।
प्रशासन ने ली राहत की सांस
पिछले कई दिन से महापंचायत को लेकर तनाव में चल रहा पुलिस और प्रशासनिक अमला इस ड्रा…एक्शन…नौटंकी के बाद शांतिपूर्ण तरीके से सबकुछ सुलट जाने से राहत की सांस ले रहा है।
40 लोगों को हिरासत में लेने का दावा
एडिशनल सीपी दिनेश कुमार पी ने दावा किया है कि इस मामले में रोक के बावजूद पहुंचे करीब 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने दावा किया कि माहौल बिगाड़ने वाला कोई भी हो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा, मगर विधायक नंदकिशोर गूर्जर के खिलाफ कार्रवाई के सवाल पर वे भी चुप्पी लगा गए। केवल इतना कहा कि कोई बख्शा नहीं जाएगा।
प्रशासन ने की थी पूरी तैयारी
पूर्व संभावित परिस्थियों को चलते पुलिस और प्रशासन की लाख चेतावनियों के बावजूद महापंचायत के नाम पर डासना में देवी मंदिर के सामने हाईवे पर एक्शन-ड्रामा और नोंटकी से भरपूर फिल्म चली। बीजेपी के लोनी विधायक जहां मामले को लेकर सड़क पर ही धरना देते हुए महापंचायत कर रहे थे, वहीं पुलिस मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं करने दे रही थी। पुलिस के साथ पीएसी औऱ आरएएफ भी तैनात थी। मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते को छावनी बनाया गया था।
क्या महापंचायत के लिए पहुंचे लोगों पर होगी कार्रवाई ?
गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी की ओर से पिछले कई दिन से चेतावनी दी जा रही थी कि महापंचायत के लिए जो भी पहुंचने की कोशिश करेगा या उसके समर्थन में पोस्ट करेगा उन पर एक्शन होगा ?सैकड़ों की तादात में हिंदूवादी नेता भी पहॆंचे। बीजेपी के विधायक और उनके समर्थक भी पहुंचे। तो क्या अब पुलिस और प्रशासनिक अमला उनके खिलाफ एक्शन लेगा ये सवाल हर कोई कर रहा है ? हालाकि अभी पुलिस और प्रशासनिक अफसर इस सवाल पर चुप्पी साधे हैं।
सवाल कि साइलेंट क्यों है पुलिस ?
बल्कि पूर्व में भी इस तरह के बयानों से कानून व्यवस्था बिगड़ती रही है। बल्कि इससे पहले भी जिले को ऐसे हालातों से जूझना पड़ा है। लेकिन सवाल ये कि आखिर प्रशासन की ऐसी कौन सी मजबूरी है कि यति के विवादित बोल से पैदा होने वाले हालातों से निबटने में प्रशासन पंगु साबित होता है। ये सवाल कोई खास हो या आम सबकी जुबान पर है। बहरहाल, महापंचायत करने के लिए लोगों का जमावड़ा है और बीजेपी के विधायक ही इसका नेतृत्व हाइवे पर बैठकर कर रहे हैं।प्रऎशासन की चेतावनी के बावजूद हालात क्या रहते हैं ये धीर-धीरे साफ होता रहेगा।