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Noida Shrikant tyagi case : पहले भरपूर ड्रामा…अब वादी की चुप्पी और आरोपी हो गए बरी

बार-बार समन-वारंट पर भी नहीं पहुंचा वादी पक्ष..10 आरोपी बरी

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राहुल शर्मा

Noida (यूपी)। करीब दो साल पहले नोएडा ही नहीं बल्कि पूरे वेस्टर्न .यूपी में चर्चा और बवाल की वजह बने श्रीकांत त्यागी मारपीट मामले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट को ये फैसला तब लेना पड़ा जबकि प्रकरण में वादी पक्ष लगातार समन और वारंट भेजने के बावजूद अदालत में नहीं पहुंचा।

ये था मामला

यह प्रकरण अगस्त 2022 में तब सुर्खियों में आया था जब ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में कथित भाजपा नेता श्रीकांत त्यागी पर एक महिला के साथ अभद्र व्यवहार और गाली-गलौज का आरोप लगा था। 9 अगस्त को पुलिस ने इस मामले के तूल पकड़ने के बाद श्रीकांत त्यागी को मेरठ से गिरफ्तार किया था। इसके कुछ दिन बाद, त्यागी के समर्थन में दस युवक स्कॉर्पियो और फॉर्च्यूनर गाड़ियों में सवार होकर सोसाइटी पहुंचे थे। आरोप है कि इन युवकों ने गलत तरीके से सोसाइटी में प्रवेश किया और विरोध करने पर सुरक्षा गार्ड के साथ मारपीट की थी। पुलिस ने इस मामले में नितिन, लोकेंद्र, राहुल, चर्चिल, प्रिंस और रवि पंडित को गिरफ्तार किया था, हालांकि बाद में सभी को जमानत मिल गई थी। अब न्यायालय ने नितिन त्यागी, लोकेंद्र त्यागी, राहुल त्यागी, चर्चिल राणा और प्रिंस त्यागी सहित सभी 10 आरोपियों को बरी कर दिया है। बताया गया है कि लगातार कोर्ट से वादी पक्ष को समन और वारंट भेजे गए मगर उन्होंने कोर्ट में कोई मौजूदगी दर्ज नहीं कराई।

केवल पौधा लगाने का था वाद

पूरा मामला नोएडा की ग्रैंड ओमैक्स सोसायटी का था। सोसायटी में रहने वाली महिला से श्रीकांत त्यागी की भिड़ंत हो गई थी। जब पूरी घटना का वीडियो वायरल हुआ तो मामला गहरा गया। वीडियो में श्रीकांत त्यागी एक महिला से बदतमीजी और गाली-गलौज करता दिख रहा था। नेता की ठसक और रौब वह महिला पर दिखा रहा था। लेकिन, महिला ने भी उसका डटकर सामना किया। वीडियो वायरल होने के बाद श्रीकांत त्यागी की गिरफ्तारी का दबाव बना। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया। अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाया। 9 अगस्त 2022 को उसे मेरठ से गिरफ्तार कर लिया गया। महिला का दावा था कि उन्होंने सोसायटी के माली से कहा था कि वह सार्वजनिक क्षेत्र में पौधे नहीं लगाए। इसी पर विवाद हुआ था। दरअसल, श्रीकांत ने एक इलाके पर कब्जा कर रखा था। उस पर पौधे लगाए जा रहे थे। उसी के विवाद ने तूल पकड़ा था।

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