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Monday, March 31, 2025
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Purnia Scam: पूर्णिया में जमीन के खेल का अनोखा दांव… दलालों ने खुद बना डाला पुल!

Purnia Land Broker Scam: बिहार के पूर्णिया जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां कुछ स्थानीय भूमि दलालों ने संपत्ति की कीमतें बढ़ाने के लिए अपने पैसे से पुल का निर्माण करवा दिया। इस अनोखी रणनीति का मकसद यह था कि लोगों को लगे कि सरकार यहां कोई बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना शुरू करने वाली है, जिससे क्षेत्र की जमीनों के दाम बढ़ जाएं। इस घटना ने स्थानीय लोगों के बीच हैरानी और बहस का माहौल बना दिया है।

कैसे हुआ यह कारनामा?

पूर्णिया के कुछ रियल एस्टेट दलालों ने एक नई तरकीब अपनाई। उन्होंने ऐसा माहौल बनाया जिससे लगे कि सरकार इलाके में कोई बड़ा प्रोजेक्ट लाने वाली है। आम तौर पर, जब सरकार किसी क्षेत्र में सड़क या पुल जैसी बड़ी परियोजनाएं शुरू करती है, तो वहां की जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ जाती हैं। इसी सोच के तहत, इन दलालों ने अपनी जेब से पैसा लगाकर पुल निर्माण शुरू करवा दिया।

इस खबर के सामने आते ही इलाके में हलचल मच गई। कई स्थानीय लोग सोचने लगे कि क्या सरकार वाकई कोई नई योजना लेकर आ रही है। हालांकि, जब सच सामने आया कि यह पूरा खेल केवल जमीन की कीमतें बढ़ाने के लिए रचा गया था, तो लोग हैरान रह गए।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

यह मामला उजागर होते ही लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ लोग इसे बिहार की “जुगाड़ संस्कृति” का एक नया उदाहरण मान रहे हैं, तो कुछ इसे धोखाधड़ी बता रहे हैं।

एक स्थानीय व्यक्ति ने मजाकिया लहजे में कहा, “सरकार से उम्मीद लगाने से अच्छा, खुद ही विकास कर लिया।” वहीं, कुछ लोगों को यह शक है कि यह पूरा मामला किसी बड़े रियल एस्टेट गिरोह की सोची-समझी चाल हो सकती है।

कुछ निवासियों का यह भी मानना है कि अगर यह पुल पूरी तरह बनकर तैयार हो जाता, तो प्रशासन इसे सरकारी योजना का हिस्सा मानकर नजरअंदाज भी कर सकता था। लेकिन अब जब मामला उजागर हो गया है, तो अधिकारियों का रुख देखना दिलचस्प होगा।

बिहार के बुनियादी ढांचे पर बड़ा सवाल

यह घटना बिहार के बुनियादी ढांचे और उसमें व्याप्त समस्याओं को भी उजागर करती है। हाल ही में, सुपौल जिले में कोसी नदी पर बन रहा एक बड़ा सरकारी पुल ढह गया था, जिससे कई लोगों की जान खतरे में पड़ गई थी। इसके बाद राज्य की निर्माण परियोजनाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे थे।

अब सवाल उठता है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करेगा। क्या यह पुल खड़ा रहेगा और अपने मकसद में सफल होगा, या फिर प्रशासन इसे ध्वस्त कर देगा? फिलहाल, इस घटना ने बिहार के रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर की सच्चाई को उजागर करने का काम किया है। यह मामला लोगों की नजरों में बना हुआ है, और आगे की कार्रवाई का सभी को इंतजार रहेगा।

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