पीडब्लूडी (PWD) में होने वाले पदोन्नति में आरक्षण को लेकर लंबे समय से देश की कई अदालतों में चर्चा चल रही है। ऐसे में रेलवे के द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को लेकर नियम और निर्देश तय कर दिया गया है। कर्मचारियों को इस नियम और निर्देशों के हिसाब से पदोन्नति में आरक्षण का लाभ मिलेगा।
रेलवे मंत्रालय का इस विषय पर कहना है कि बेंचमार्क विकलांग व्यक्तियों (PWBD) के लिए पदोन्नति में आरक्षण का मामला लंबे समय तक विभिन्न अदालतों के समक्ष विचाराधीन था। वहीं सुप्रीम कोर्ट के 28.09.2021 आदेश में ‘सिद्धाराजू बनाम राज्य सरकार’ के मामले में,
‘स्पष्टीकरण के लिए’, ‘सिविल अपील नंबर 1567/2017’ के लिए धारा 34 में धारा 34 की धारा 34 में स्पष्टीकरण ‘, सरकार को पदोन्नति में आरक्षण पर निर्देश जारी किया है। वहीं कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने कार्यालय ज्ञापन संख्या 36012/1/2020-स्था.(Res.-II) दिनांक 17.05.2022 के माध्यम से दिव्यांगजनों को पदोन्नति में आरक्षण के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।
इसे विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग (DEPWD) द्वारा अधिसूचित उक्त अधिनियम की धारा 2 के तहत परिभाषित किया है। इससे विकलांग व्यक्तियों को काफी फायदा होगा और उनका जीवन स्तर सुधरेगा। सरकार की यही सोच है कि इससे सभी को समान मौका मिल सके और सभी समान रूप से आगे बढ़ सकें।
न्यायालय की भी यही कामना है कि सभी को समान अवसर मिले और सभी की प्रगति हो सके। बोर्ड ने इसपर विचार करके यह तय किया गया है कि DOPT को भारतीय रेलवे अराजपत्रित पदों पर PWBD को पदोन्नति में आरक्षण प्रदान कर सकते हैं।
सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण अधिसूचना संख्या 38-16/2020-डीडी-आईआईटी दिनांक 04.01.2021 और बोर्ड लेटर ई (एनजी) II/2017/आरसी- 2/1/नीति को 27.02 में इसकी जानकारी मिलती है। इससे लोगों को बहुत फायदा होगा और लोगों को एक जैसा मौका मिलेगा।
सभी को समान रूप से मौका मिलने से लोगों को फायदा पहुचाएगा। इससे सभी को बहुत लाभ होने की उम्मीद है।