नई दिल्ली। आज के समय में बढ़ती महंगाई को देखते हुए आने वाला साल और ज्यादा मुश्किल होगा, क्योंकि महंगाई अभी थमने वाली नहीं है ये 2022 से 2023 को अधिक प्रभावित करेगी। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि मुसीबतें अभी बढ़ने वाली है और आना वाले साल में स्थिति और खराब हो सकती है। आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने अपने ब्लॉग के माध्यम से बताया कि 2022 तो मुश्किल होगा ही लेकिन 2023 उससे भी अधिक मुश्किल होने वाला है।
विश्व के सात करोड़ लोग गरीबी हो जाएंगे
आईएमएफ के अनुसार बढ़ती महंगाई की दर से इतनी जल्दी छुटकारा नही मिलेगा बल्कि इसकी वजह से दुनिया के जो गरीब देश हैं उनके सात करोड़ लोग गरीबी हो जाएंगे जो बहुत ही मुश्किल होगा। बढती महंगाई के चलते भारत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ देशों के द्वारा द्यान्न पर प्रतिबंध लगने से खाने व पीने की समस्या बढ़ जाएंगी। वर्तमान में ज्यादातर गरीब देश पांच प्रतिशत से ज्यादा महंगाई दर झेल रहे है और आने वाले समय में हालात और भी खराब होने वाले है जिससे दुनिया सात करोड़ लोग गरीब हो जाएगे। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख की माने तो इस समय दुनिया भर में सबसे चिंता बढ़ती मंहगाई है। विकसित देशो में साल 2022 के दौरान मंहगाई दर 5.7 प्रतिशत रह सकती है। विकासशील देशों में ये दर 8.7 प्रति शत तक हो सकती है।
Thank you @haslindatv for the opportunity to speak about the most pressing economic issues confronting the world.
The fight against inflation is the No. 1 priority. We need price stability or incomes will be eroded and the foundations for growth will suffer. https://t.co/TTyWAqMFOt
— Kristalina Georgieva (@KGeorgieva) July 20, 2022
कोरोना महामारी ने ग्लोबल सप्लाई चेन की प्रभावित
क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन में आई बाधाओं ने आर्थिक गतिविधियों को रोक दिया जिससे कईं देश प्रभावित हुए हैं। क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि, “हाल के संकेतों से दूसरी तिमाही में कमजोरी का संकेत मिलता है। ऐसे में हम इस महीने के अंत में अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट में 2022 और 2023 दोनों सालों के लिए वैश्विक विकास में और गिरावट का अनुमान दर्ज करेंगे।”