- विज्ञापन -
Home Business Budget 2024: आखिर क्यों 28 फरवरी की जगह 1 फरवरी को पेश...

Budget 2024: आखिर क्यों 28 फरवरी की जगह 1 फरवरी को पेश किया जाने लगा यूनियन बजट? क्या है इसकी वजह

 

- विज्ञापन -

Budget 2024: वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट  (Budget)  संसद में पेश होने में सिर्फ 8 दिन बचे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी के दिन बजट को लेकर कई घोषणाएं करने वाली हैं। ज्ञात हो कुछ वर्ष पूर्व तक बजट फरवरी महीने के अंत में पेश किया जाता था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi)  के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने बजट पेश करने की वर्षों पुरानी परंपरा को 28 फरवरी से बदलकर 1 फरवरी कर दिया।

बता दें कि, 2017 में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने घोषणा की कि केंद्रीय बजट अब फरवरी के अंतिम कार्य दिवस पर प्रस्तुत नहीं किया जाएगा, जैसा कि औपनिवेशिक काल के दौरान प्रथा थी।

वार्षिक वित्तीय विवरण जिसे हम केंद्रीय बजट के रूप में भी जानते हैं, एक सरकारी दस्तावेज है जो आगामी वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित व्यय और राजस्व प्रस्तुत करता है। इसे मंजूरी के लिए संसद में प्रस्तुत किया जाता है। इस परंपरा की शुरुआत 1860 के दशक में हुई, जब ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों ने इसे भारत में पहली बार पेश किया।

क्यों बदली गई ? यूनियन बजट पेश करने की तारीख

पूर्व वित्त मंत्री जेटली अपने कार्यकाल में घोषणा की थी कि ब्रिटिश शासन के तहत औपनिवेशिक युग के दौरान अपनाई जाने वाली 92 साल पुरानी प्रथा को समाप्त करने के लिए बजट महीने के आखिरी दिन के बजाय 1 फरवरी को पेश किया जाएगा।

वहीं उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि चूंकि बजट फरवरी के अंत में पेश किया जाता है, इसलिए सरकार के पास 1 अप्रैल से प्रभावी होने वाली नई नीतियों और परिवर्तनों की तैयारी के लिए बहुत कम समय था। इसलिए, बजट प्रस्तुति की तारीख 1 फरवरी कर दी गई। इसके अलावा जेटली ने ब्रिटिश शासन के दौरान चली आ रही रेलवे के लिए अलग बजट पेश करने की परंपरा को भी खत्म कर दिया और रेलवे बजट को केंद्रीय बजट के साथ एकीकृत कर दिया।

यह भी पढ़ें-SUKANYA SAMRIDDHI YOJANA : बेटियों की शिक्षा-शादी की टेंशन हुई कम, इस सरकारी स्कीम में करें निवेश, जानें कैसे करें अप्लाई?

- विज्ञापन -
Exit mobile version