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Health Insurance खरीदते समय रखे सावधानी, वरना हो सकता है भारी नुकसान

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Health Insurance: आज के वक्त में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना हर किसी की जरूरत बन गई हैं। इलाज का खर्च हर साल 14 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। हमें महंगी दवाओं और मेडिकल खर्चे से हेल्थ इंश्योरेंस मिलता है। लेकिन हम पॉलिसी खरीदते समय पॉलिसी होल्डर टर्म एंड कंडीशन को ठीक प्रकार से समझ नहीं पाते हैं और भारी नुकसान करा बैठते हैं। हमें भारी कीमत क्लेम के समय चुकानी पड़ जाती है। ऐसे में हमें स्वास्थ्य बीमा खरीदते वक्त ही इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

डिडक्टिबल ऑप्शन वाली पॉलिसी नहीं खरीदें

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अगर आपने डिडक्टिबल ऑप्शन वाली कोई पॉलिसी खरीदी है, तो बीमा कवरेज से पहले आपको डिडक्टिबल राशि जमा करानी पड़ेगी। इसको ऐसे समझिए जैसे आपने कोई 10 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस खरीदा है, जिस पर करीब 1 लाख रुपए का डिडक्टिबल अमाउंट लगा है, तो इंश्योरेंस कवरेज हेतु आपको हर वर्ष 1 लाख रुपए जमा करने होगे, इसके बाद ही आपको बीमा कवरेज का लाभ मिलेगा। यह विकल्प मासिक प्रीमियम को कम करती है, और वित्तीय चिंता को तब और बढ़ा देते है जब आपका अस्पताल का बिल आता है।

हर वक्त को-पेमेंट से भी बचें

बता दें इसमें पॉलिसी होल्डर को क्लेम की थोड़ी बहुत राशि अपनी जेब से भी देनी होती है। जो मुख्यतौर क्लेम का 10%, 20% या 30 फीसदी तक होता है। अक्सर होल्डर इस विकल्प के फायदे व नुकसान का आकलन किए बिना ही इसे चुनते है, और आपातकालीन के समय में जब क्लेम करने की बारी आती है, तब पॉलिसी होल्डर को भी जेब ढीली करनी पड़ जाती है। ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई इंश्योरेंस कंपनियां को-पेमेंट का आँप्शन चुनने के लिए कहती हैं। यदि आपको अधिक प्रीमियम राशि भरकर को-पेमेंट का मौका मिले तो खुद कों इस बोझ से आजाद करना चाहिए।

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