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Thursday, October 17, 2024
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Cash Payment Limit : संपत्ति खरीदते या बेचते समय सावधान! वरना आ जाएगा इनकम टैक्स का नोटिस, जानें नियम

Cash Payment Limit : प्रॉपर्टी खरीदना हर किसी का सपना होता है और अगर आप भी प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं, तो जरा ठहर जाइए, नहीं तो ये आपको परेशानी में डाल सकता है। भारत के नागरिकों को अपनी संपत्ति खरीदते और बेचते समय कुछ बातों का पता होना बेहद आवश्यक है। अगर आप संपत्ति खरीदना या अपनी संपत्ति बेचना चाहते हैं तो लेनदेन से पहले ये नियम जरूर जान लें। नहीं तो इनकम टैक्स का नोटिस किसी भी वक्त आपके पास आ सकता है।

प्रॉपर्टी खरीदना और बेचना एक बड़ा निवेश है। ऐसे में कई बार व्यक्ति पूरा लेनदेन नकद में करना चाहता है। ऐसा नहीं है कि आप प्रॉपर्टी की पूरी कीमत कैश में नहीं चुका सकते। इसके लिए बाकायदा नियम बनाए गए हैं। अगर आप नकद लेनदेन की इस सीमा को पार करते हैं तो इसके बाद आपको इनकम टैक्स नोटिस भी भेज सकता है।

20 हजार से ज्यादा नकद लेनदेन नहीं

नोटिस से बचना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले आयकर अधिनियम (income tax act) के बारे जानकारी होनी चाहिए। आयकर अधिनियम की धाराओं के तहत आप कितने ही लाख में अपनी संपत्ति बेच रहे हैं, लेकिन आप 20 हजार से ज्यादा कैश (Cash Payment Limit in sale and purchase of property) नहीं ले सकते।

इन धाराओं में हुआ बदलाव

काले धन पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने साल 2015 में इनकम टैक्स एक्ट की धारा 269SS, 269T, 271D और 271E में बदलाव किए। इनमें से 269SS में किया गया बदलाव बेहद अहम है, क्योंकि इसका उल्लंघन करने पर आपके ऊपर जुर्माना लगाया जा सकता है। दरअसल, प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने के दौरान नकद लेनदेन में यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि नकद वैध तरीके से कमाया गया है या अवैध रूप से।

धारा 269SS के तहत अगर कोई व्यक्ति खेती की जमीन, घर या अन्य अचल संपत्ति बेचने के लिए 20 हजार रुपये से ज्यादा कैश लेता है तो उस पर 100 फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा।

क्या है 100 फीसदी जुर्माना?

आयकर अधिनियम की धारा 269SS के तहत, यदि कोई व्यक्ति संपत्ति बेचते समय 20,000 रुपये या उससे ज्यादा की नकद ले रहा है, तो उसे पूरी राशि मुआवजे के रूप में देनी होगी। उदाहरण के मुताबिक अगर आपने 50,000 या एक लाख रुपये कैश लिए हैं, तो वह पूरी रकम जुर्माने के तौर पर आयकर विभाग के पास चली जाएगी।

इस धारा के तहत खरीदार पर भी लगेगा जुर्माना

वहीं, इसके अलावा आयकर अधिनियम की एक अन्य धारा 269T और भी ज्यादा परेशानी खड़ी कर देगी। मान लीजिए कि किसी कारण से प्रॉपर्टी की डील कैंसिल हो जाती है। अगर खरीदार प्रॉपर्टी डीलर या विक्रेता से पैसे वापस मांगता है तो एक बार फिर जुर्माना लगाया जाएगा।

सरकारी या उससे जुड़े संस्थानों पर ये लागू नहीं

अगर 20,000 रुपये या इससे ज्यादा की रकम कैश में लौटाई जाती है तो 269SS की तरह पूरी रकम पेनल्टी के रूप में चली जाएगी। हालांकि यह कानून सरकार, सरकारी कंपनी, बैंकिंग कंपनी या केंद्र सरकार द्वारा देखे जा रहे विशिष्ट व्यक्तियों और संस्थानों पर लागू नहीं होता है।

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