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Friday, October 18, 2024
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बेघर, बेसहारा महिलाओं को मिला सहारा, Swadhar Greh Scheme से लाखों पीड़ितों की जिंदगी में आया नया सवेरा!

Swadhar Greh Scheme : देश की वे महिलाएं, जो कठिन परिस्थितियों का शिकार हैं, केंद्र सरकार ने उनके लिए खास योजना शुरू की थी। इस योजना के अंतर्गत वेश्यावृत्ति, रिहा कैदी, प्राकृतिक आपदा या अन्य किसी कारण से बेघर और बेसहारा पीड़ित महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण और एक आवास प्रदान किया जाता है। ताकि वे सम्मान के साथ अपना जीवन जी सकें। सामान्य, अन्य पिछड़ी जाति (OBC), अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) सभी वर्ग की महिलाएं इस योजना का लाभ ले सकती हैं।

स्वाधार गृह योजना महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है। यह परियोजना समाज कल्याण या महिला एवं बाल विकास विभागों, महिला विकास निगमों, शहरी निकायों के निजी, सार्वजनिक ट्रस्टों या स्वैच्छिक संगठनों आदि के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। (Government Schemes for Women)

प्रत्येक जिले में स्थापित होगा स्वाधार गृह

योजना के तहत प्रत्येक जिले में 30 महिलाओं की क्षमता वाला स्वाधार गृह स्थापित किया जाएगा। इसके तहत भोजन, कपड़े, चिकित्सा सुविधाओं आदि के प्रावधान के साथ अस्थायी आवास दिया जाता है। महिलाओं के आर्थिक पुनर्वास के लिए व्यावसायिक एवं कौशल उन्नयन प्रशिक्षण परामर्श, जागरूकता सृजन और व्यवहार संबंधी प्रशिक्षण, कानूनी सहायता एवं मार्गदर्शन, टेलीफोन के माध्यम से परामर्श भी दिया जाता है।

स्वाधार गृह योजना का उद्देश्य (Objective of Swadhar Greh Scheme)

  1. ऐसी महिलाएं जो बेसहारा हैं तथा आर्थिक व सामाजिक रूप से अत्यन्त कमजोर वर्ग की है।
  2. घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं जिन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा अथवा जो अपनी आजीविका अर्जित करने में अक्षम हैं।
  3. मानव तस्करों का शिकार बनी महिलाएं जिन्हें वेश्यावृत्ति अथवा अन्य चीजों का सामना करना पड़ा।
  4. एड्स से ग्रसित ऐसी महिलाएं जिनके पास आय का कोई साधन नहीं है।
  5. जेल में कारावास की सजा काट रही वे महिलाएं जिनके परिजनों ने उनका त्याग कर दिया है।
  6. प्राकृतिक आपदाओं के कारण आए संकटों का शिकार बनी महिलाएं।

स्वाधार गृह योजना के लिए पात्रता शर्तें (Eligibility for Swadhar Greh Scheme)

संगठन को कानून के तहत पंजीकृत होना चाहिए और उसके पास एक उचित रूप से गठित प्रबंध निकाय होना चाहिए। जिसकी शक्तियां, कर्तव्य और जिम्मेदारियां उसके संविधान में स्पष्ट रूप से परिभाषित और निर्धारित होनी चाहिए। इसके अलावा संगठन को किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के लाभ के लिए काम नहीं करना चाहिए। इसके पंजीकरण के बाद सामान्यतः तीन वर्ष का अनुभव होना चाहिए। इसकी वित्तीय स्थिति सुदृढ़ होनी चाहिए। जिस योजना के लिए सहायता मांगी गई है, उसे शुरू करने के लिए उसके पास सुविधाएं, संसाधन, अनुभव और कर्मचारी होने चाहिए।

कितने समय तक महिलाओं को मिलेगा आवास

बता दें कि घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाएं एक वर्ष तक स्वाधार गृह में रह सकती हैं। अन्य श्रेणियों की महिलाओं के लिए, ठहरने की अधिकतम अवधि 3 वर्ष तक हो सकती है। वहीं 55 वर्ष से अधिक आयु की वृद्ध महिलाओं को अधिकतम 5 वर्ष की अवधि के लिए रह सकती हैं। इसके बाद उन्हें वृद्धाश्रम या इसी तरह के संस्थानों में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

इसके अलावा महिलाओं के बच्चों को भी स्वाधार गृह सुविधाओं का लाभ मिल सकता है। 18 वर्ष तक की लड़कियों और 8 वर्ष तक के लड़के अपनी मां के साथ स्वाधार गृह में रह सकेंगे। 8 वर्ष से अधिक उम्र के लड़कों को जेजे अधिनियम/आईसीपीएस के तहत संचालित बाल गृहों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

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