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Thursday, October 17, 2024
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ITR Form 2024 में हुए ये बदलाव, पुराने और नए टैक्स रिजिम में इन चीज़ों का दें खास ध्यान!

Income Tax Return 2024 : भारतीय टैक्स पेयर्स को अब टैक्स रिटर्न फाइल में कई बदलाव नजर आएंगे। इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म (ITR Form 2024) में एक बार फिर बदलाव हुआ है। आयकर विभाग (Income Tax Department) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और मूल्यांकन वर्ष 2025-26 के लिए नए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म जारी किए हैं। इस बार टैक्स रिटर्न फाइल करते समय आपको ITR फॉर्म्स में कुछ बदलाव दिखने को मिलेंगे। तो आइए जानते हैं कि आईटीआर फॉर्म में हुए बदलावों के बारे में।

ITR Form 2024 में हुए ये बदलाव

ITR-1 फॉर्म

नए ITR-1 फॉर्म (ITR Form 2024) में आपने ओल्ड या न्यू टैक्स रिजीम में से किसे चुना है, यह बताना होगा। नई रियायती कर व्यवस्था लागू होने के बाद ये एक डिफॉल्ट ऑप्शन बन गया है। हालांकि, करदाताओं के पास अब भी ITR-4 दाखिल करते समय फॉर्म 10-IEA दाखिल करके पुरानी व्यवस्था से बाहर निकलने और बने रहने का प्रावधान है।

वहीं सिंपल इनकम स्ट्रक्चर वाले व्यक्तियों के लिए ITR-1 फॉर्म को काफी सहज बनाया गया है। यह फॉर्म बिजनेस या पेशे से अर्जित की गई इनकम, पूंजीगत लाभ या डबल टैक्सेशन से राहत का दावा करने वाले व्यक्तियों को पूरा नहीं करता है। इसके अलावा पात्रता के लिए कई अन्य मानदंड भी हैं, जैसे –

  • निवासी व्यक्ति होना,
  • कुल आय 50 लाख रुपये तक होना,
  • कृषि आय 5,000 रुपये तक होना
  • केवल एक घर की संपत्ति का मालिक होना

ITR-4 फॉर्म

ITR-4 फॉर्म (SUGAM) लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप के अलावा व्यक्तियों, HUF और फर्मों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, जिन्होंने आयकर अधिनियम की धारा 44AD या 44AE के तहत अनुमानित टैक्सेशन स्कीम का विकल्प चुना है।

धारा 44एडी के तहत अनुमानित टैक्सेशन का विकल्प चुनने वाले व्यवसायों के लिए मानदंड में आसानी है। नकद कारोबार या नकद सकल प्राप्तियों का खुलासा करने के लिए एक नया ‘नकदी में रसीदें’ कॉलम जोड़ा गया है।

बता दें कि इस योजना के लिए नकद कारोबार की सीमा 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये तक कर दी गई है। हालांकि, इसमें एक शर्त यह है कि कैश रिसीप्ट पिछले साल के कुल कारोबार या सकल प्राप्तियों के 5 फीसदी से ज्यादा न हों।

ITR-6 फॉर्म

ITR-6 में भी अतिरिक्त डिटेल्स की आवश्यकता वाले बदलाव किए गए हैं। कंपनियों द्वारा इस फॉर्म का उपयोग किया जाता है। इस फॉर्म में बदलाव के बाद अब कंपनियों को कुछ अतिरिक्त डिटेल्स देनी होगी। इसमें कानूनी इकाई पहचानकर्ता (LEI), एमएसएमई पंजीकरण संख्या, धारा 44एबी के तहत टैक्स ऑडिट के कारण, वर्चुअल डिजिटल संपत्ति और 115बीबीजे धारा के तहत ऑनलाइन गेम से जीत पर करयोग्य शामिल है।

इसके अलावा, धारा 44एबी टैक्स ऑडिट रिपोर्ट और धारा 92ई ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट के तहत ऑडिट रिपोर्ट के लिए पावती संख्या (Acknowledgment Number) और यूडीआईएन के बारे में बताना आवश्यक है।

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