EPF Calculation: कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक सेवानिवृत्ति योजना है। संगठित क्षेत्र में काम करने वाले वेतनभोगी कर्मचारियों को इस योजना का लाभ मिलता है। सरकारी कर्मचारियों के लिए सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) इसकी तरह ही है। कर्मचारी और नियोक्ता ईपीएफ खाते में बराबर का योगदान करते हैं। दोनों ही कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते (डीए) का अधिकतम 12 प्रतिशत तक योगदान कर सकते हैं।
नियोक्ता की ओर से 12 प्रतिशत योगदान में से 8.33 प्रतिशत ईपीएफ में जाता है, जबकि 3.67 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन फंड में जाता है। केंद्र सरकार हर साल ईपीएफ की ब्याज दरें तय करती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ईपीएफ ब्याज दर 8.25 प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि है। ईपीएफ में एक वित्तीय वर्ष में 1.50 लाख रुपये तक का योगदान कर-मुक्त है। अर्जित ब्याज और परिपक्वता राशि भी कर-मुक्त है।
20,000 तक की सैलरी पर रिटायरमेंट फंड (EPF Calculation)
ईपीएफ एक गारंटीड रिटर्न योजना है। अगर आप जल्दी इसमें शुरुआत करें, अपने मूल वेतन का पूरा प्रतिशत योगदान करें, तथा हर साल राशि में 10 प्रतिशत की वृद्धि करें, तो आप रिटायरमेंट के समय एक बड़ी रकम जमा कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति 25 वर्ष की आयु से अंशदान शुरू करता है तो पूरे 12 प्रतिशत का अंशदान करेगा, तथा प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की दर से राशि बढ़ाता रहेगा।
कितना मिलेगा रिटायरमेंट फंड?
मान लीजिए अगर आपकी सैलरी 12,000 रुपये है तो ईपीएफ में आपका कुल योगदान 93.67 लाख रुपए होगा। ब्याज 1.61 करोड़ रुपए होगा और मैच्योरिटी राशि 2.54 करोड़ रुपए होगी।
इसी तरह अगर आपका मूल वेतन 15,000 रुपये है तो आपका कुल योगदान 1.17 करोड़ रुपये होगा। जिस पर आपको 2.01 करोड़ रुपए का ब्याज मिलेगा और मैच्योरिटी के समय आपको 3.18 करोड़ रुपए की राशि मिलेगी।
20 हजार रुपए के वेतनभोगियों का कुल योगदान 1.56 करोड़ रुपए का होगा। वहीं इस पर ब्याज 2.68 करोड़ रुपए होगा और परिपक्वता राशि 4.24 करोड़ रुपए होगी।
हालांकि, आपको बता दें कि कर्मचारियों के वेतन, आयु, ब्याज दर और वार्षिक वेतन वृद्धि के आधार पर आंकड़ों में बदलाव हो सकते हैं।