ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) के को-फाउंडर बिन्नी बंसल (Binny Bansal) ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है, उन्होंने सचिन बंसल के साथ सह-स्थापित इंटरनेट कंपनी Flipkart के साथ अपना जुड़ाव आधिकारिक तौर पर समाप्त कर दिया है। कंपनी द्वारा भारतीय बाजार में दमदार प्रदर्शन के कारण ही प्रतिष्ठित वैश्विक निवेशकों को आकर्षित किया और 2018 में दिग्गज अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट (Walmart) द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया।
नए स्टार्टअप पर करेंगे अधिक ध्यान केंद्रीत
हालांकि, फ्लिपकार्ट के बोर्ड से इस्तीफा देने का बंसल का कदम उनके नए स्टार्टअप OppDoor के लॉन्च के बीच आया है। OppDoor का मुख्य तौर पर कार्य ई-कॉमर्स ब्रांडों को Amazon, Etsy जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर अपने कारोबार का विस्तार करने में मदद करना है बीते वर्ष जुलाई में, बंसल, टाइगर ग्लोबल और एक्सेल सहित फ्लिपकार्ट के कुछ शुरुआती निवेशक वॉलमार्ट को अपनी शेष हिस्सेदारी बेचकर कंपनी से बाहर हो गए थे, जिससे फ्लिपकार्ट में कंपनी की हिस्सेदारी बढ़कर 80.5% हो गई।
बता दें कि, 2018 में वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 77% नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 16 बिलियन डॉलर का निवेश किया था। वॉलमार्ट ने भारत में गहरा निवेश किया हुआ है और आने वाले वर्षों में फ्लिपकार्ट को सार्वजनिक करने का लक्ष्य रखा है। वहीं वॉलमेक्स और फ्लिपकार्ट बोर्ड के सदस्य लेह हॉपकिंस ने कहा कि, हम भाग्यशाली रहे हैं कि 2018 में वॉलमार्ट के निवेश के बाद से वह बिन्नी बंसल बोर्ड में बने हुए थे और हमें उनकी सलाह और अंतर्दृष्टि से बहुत फायदा भी हुआ है। हम उन्हें धन्यवाद देते हैं और कामना करते हैं कि वे अपने अगले उपक्रमों में निरंतर सफलता प्राप्त करें।
30 बिलियन डॉलर से अधिक की है मार्केट वैल्यू
जानकारी के अनुसार बर्नस्टीन की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्लिपकार्ट, जिसका मूल्य वर्तमान में 30 बिलियन डॉलर से अधिक है, वित्त वर्ष 2023 तक 48% हिस्सेदारी के साथ भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में अग्रणी रही। अमेज़ॅन के अलावा, मीशो, रिलायंस और टाटा समूह जैसे कई घरेलू खिलाड़ी आज उपभोक्ताओं के पीछे बड़ी हिस्सेदारी के लिए फ्लिपकार्ट के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
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