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MSP के तहत फसलों की खरीद पर सरकार को अतिरिक्त 6 लाख करोड़ रुपये की पड़ सकती है आवश्यकता

Farmers

किसानों (Farmers) के दिल्ली की ओर मार्च ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है। वहीं, विश्लेषकों के अनुसार सभी कृषि उपज के लिए एक गारंटीशुदा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), जो प्रदर्शनकारी किसानों की प्रमुख मांगों में से एक है। इससे सरकारी खजाने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, लेकिन फसल विविधीकरण में मदद मिलेगी और किसानों की आय का समर्थन होगा।

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यदि सरकार उन 23 फसलों का पूरा उत्पादन खरीद लेती है जिनके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा की गई है, तो इसका प्रभाव बहुआयामी होगा। सरकारी खजाने के लिए इस चीज मतलब होगा भौतिक रूप से अधिक व्यय। हालांकि,  विश्लेषण से पता चलता है कि अगर सरकार केवल एमएसपी (MSP) से नीचे मंडियों में कारोबार करने वाली फसलों की खरीद करती है, तो उसे चालू विपणन सत्र में लगभग 6 लाख करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी की आवश्यकता होगी। यह सरकारी खजाने की वास्तविक लागत, जोकि एमएसपी और मंडी मूल्य के बीच का अंतर है औऱ विपणन सत्र 2023-24 के लिए लगभग 21,000 करोड़ रुपये बैठती है।

MSP के तहत खरीदी गई फसलें

हालाँकि एमएसपी की घोषणा 23 फसलों के लिए की जाती है, लेकिन सरकार सार्थक रूप से केवल दो फसलों – धान और गेहूं की खरीद करती है। बता दें, 2022 के ख़रीफ़ सीज़न के दौरान, देश में उत्पादित धान का 41 प्रतिशत एमएसपी के तहत खरीदा गया था, जबकि 2023 रबी सीज़न के दौरान उत्पादित गेहूं का 24 प्रतिशत खरीदा गया था। इसके बाद सरसों का नंबर आया, जहां उत्पादन का 9 फीसदी हिस्सा खरीदा गया। आठ फसलों को एमएसपी पर खरीद की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि उनकी मंडी कीमतें अधिक थीं। शेष 5 फसलों की खरीद उत्पादन के 3 प्रतिशत से भी कम थी।

भारत में 60 प्रतिशत से अधिक खेत का फसल उत्पादन (गन्ने को छोड़कर) केवल दो फसलों, धान और गेहूं से होता है क्योंकि एमएसपी समर्थन और अन्य फसलों के लिए जोखिम उठाने की क्षमता की कमी को देखते हुए किसान इन्हें ही चुनते हैं।

किसानों की आय बढ़ाने में मिल सकती है मदद

सभी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी से इसका लाभ पूरे देश में फैलेगा।  विश्लेषकों के अनुसार, इससे किसानों की आय में मदद मिलेगी और इससे उपभोग मांग को भी बढ़ावा मिलेगा। एमएसपी के मुद्रास्फीति प्रभाव का के बारे में विश्लेषकोॆं की राय है कि अगर मंडी की कीमतें एमएसपी से बहुत कम हैं तो कुछ फसलों की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है।

CACP की सिफारिशों के आधार पर तय की जाती है MSP

वर्तमान में, 22 अनिवार्य फसलों के लिए एमएसपी केंद्र सरकार द्वारा कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर तय की जाती है। राज्यों और अन्य हितधारकों की राय भी ली जाती है।

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