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Friday, October 18, 2024
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Tobacco Product बनाने वालों पर सरकार लेगी एक्शन, एक अप्रैल के बाद से लगेगा 1 लाख का जुर्माना!

Fine on Tobacco Product Manufacturers : गुटका, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं के लिए जीएसटी विभाग ने नई एडवाइजरी (Advisory for Tobacco Product Manufacturers) जारी की है। इस एडवाइजरी के तहत अब से तंबाकू उत्पाद निर्माताओं पर भारी जुर्माना लग सकता है। विभाग के इस कदम तंबाकू विनिर्माण क्षेत्र में राजस्व रिसाव को रोकने में मदद मिलेगी।

बता दें कि 1 अप्रैल से तंबाकू उत्पाद निर्माता अगर जीएसटी अधिकारियों के साथ अपनी पैकिंग मशीनरी को पंजीकृत नहीं कराते तो उन्हें 1 लाख रुपये (Rs 1 lakh penalty on Tobacco product manufacturers) तक का जुर्माना देना होगा।

आपको बता दें कि 2024 के बजट बिल में केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में संशोधन पेश किया गया था। इसके तहत प्रत्येक अपंजीकृत मशीन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं कुछ मामलों में मशीनरी को जब्त भी किया जा सकता है।

2023 में रजिस्ट्रेशन के लिए विशेष प्रक्रिया

जीएसटी परिषद की सिफारिश के आधार पर टैक्स अधिकारियों ने पिछले साल तंबाकू निर्माताओं द्वारा मशीनों के पंजीकरण के लिए एक विशेष प्रक्रिया अधिसूचित की थी। इन मशीनों की पैकिंग क्षमता के साथ मौजूदा पैकिंग मशीनों, नई स्थापित मशीनों का विवरण फॉर्म GST SRM-I में प्रस्तुत करना होगा। हालांकि इसके लिए कोई दंड अधिसूचित नहीं किया गया था।

राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​ने बताया कि जीएसटी परिषद ने पिछली बैठक में पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के उत्पादों के लिए उनकी मशीनों का पंजीकरण कराने का निर्णय लिया था, ताकि उनकी उत्पादन क्षमता पर नजर रखी जा सके।

पहले नहीं था कोई दंड (Penalty on Tobacco Product)

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बता दें कि इससे पहले पंजीकरण नहीं कराने पर कोई दंड नहीं था। इसलिए परिषद ने बैठक के दौरान कुछ दंड देने का फैसला लिया था। इसी वजह से अब से वित्त विधेयक में मशीनों का पंजीकरण नहीं कराने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाया ये कदम

पिछले साल फरवरी में केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता और राज्यों के समकक्षों वाली जीएसटी परिषद ने पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में टैक्स चोरी रोकने पर राज्य के वित्त मंत्रियों के एक पैनल की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी थी।

जीओएम (Group of Ministers) की ओर से सिफारिश की गई थी कि राजस्व के पहले चरण के संग्रह को बढ़ावा देने के लिए पान मसाला और चबाने वाले तंबाकू पर मुआवजा उपकर लगाने की व्यवस्था को यथामूल्य से एक विशिष्ट दर-आधारित लेवी में बदल दिया जाए। इसके बाद 2023 के वित्त विधेयक में सरकार संशोधन लेकर आई थी। जिसके मुताबिक पान मसाला और तंबाकू से बनने वाले सभी उत्पादों पर उनके खुदरा बिक्री मूल्य की उच्चतम दर पर जीएसटी मुआवजा उपकर लगाया जाएगा।

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