EPFO Increase: केंद्र सरकार ने आम चुनाव से पहले देश के 6.5 करोड़ लोगों को बचत का तोहफा दिया है। इस तोहफे से EPF खाताधारकों की बचत में काफी इजाफा होगा। शनिवार को दिल्ली में हुई केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की 235वीं बैठक के दौरान रिटायमेंट फंड बॉडी EPFO ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि डिपॉजिट पर ब्याज दर को बढ़ाकर 8.25 फीसदी कर दी है। इस आदेश के बाद ब्याज दरे 3 साल के हाई स्तर पर पहुंच गई है। हालाँकि, ब्याज दर बढ़ाने की फाइल फाइनेंस मिनिस्ट्री से मंजूरी होने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
दूसरे साल भी राहत
बता दें यह दूसरा साल है जब सीबीटी ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। इससे पहले पिछले साल मार्च 2023 में ईपीएफओ की सीबीटी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 5 बेसिस प्वाइंट बढ़ाया था। जिसके बाद ब्याज दर 8.15% हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में दर 8.10 फीसदी थी। लेकिन, EPFO ने मार्च 2022 में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए EPF पर ब्याज दर को निचले स्तर पर 8.1 फीसदी तक कर दिया था
रोजगार मंत्री ने दी जानकारी
श्रम व रोजगार मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा “ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की 235वीं बैठक में आज 2023-24 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर 8.25 प्रतिशत ब्याज दर की सिफारिश की गई है। यह कदम प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। भारत के कार्यबल के लिए सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने की मोदी जी की गारंटी।”
वित्त मंत्रालय लेगा फैसला
बढ़े हुए ब्याज दर का फायदा ईपीएफओ के 6 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स को मिलेगा। दरअसल, मार्च 2021 में सीबीटी द्वारा निर्धारित 2020-21 के लिए ब्याज दर 8.5% निर्धारित की थी। बढ़े हुए ब्याज दर 8.25 फीसदी को सीबीटी के फैसले के बाद आगामी वित्तीय वर्ष के लिए वित्त मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। प्रस्ताव को मंजूरी के बाद इसका सीधा फायदा 6 करोड़ से ज्यादा लोगों को मिलेगा।
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