Saving Tips: नौकरी के साथ-साथ भविष्य के लिए सेंविग अतिआवश्यक हैं। बचत करने को लेकर लोग अक्सर टेंशन में रहते हैं, खासकर जब इनकम सोर्स ना हो तब बचत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यदि आप भी नौकरी कर रहे है और भविष्य में कम जोखिम वाले निवेश के साथ वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स लायबिलिटी को कम करने के साथ बेहतर रिटर्न में मदद मिल सकती है। टैक्स बचत न केवल फाइनेंशियल सिक्योरिटी देती है, बल्कि टैक्स के वजन को भी कम करती है। इसमें निवेश करने के बाद वरिष्ठ नागरिक रिटायरमेंट के बाद टेंशन फ्री जीवन आसानी से व्यतीत कर सकते हैं।
जानते है वरिष्ठ नागरिको हेतु आवश्यक इनकम टैक्स सेविंग टिप्स
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC)
केंद्र सरकार द्वारा जारी, एनएससी वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर निवेश विकल्प के रूप में काम करता है। इसमें निवेश करने वाले व्यक्तियों को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के जरिए 1.5 लाख रुपये तक के टैक्स लाभ का दावा करने में सक्षम बनाता है, जिससे बेहतर रिटर्न के साथ कर बचत का फायदा होता है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS)
एनपीएस सीनियर सिटीजन को विभिन्न प्रकार के लाभ देती है, जिससे उन्हें निवेश को 70 वर्ष की उम्र तक बढ़ाने की मंजूरी मिलती है। आयकर अधिनियम की धारा 10(12ए) में कुछ शर्तों के अधीन, नौकरीपेशा लोग एनपीएस ट्रेजरी से एक साथ निकासी पर टैक्स छूट का आनंद ले सकते हैं।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)
सरकार द्वारा इस निवेश पर वरिष्ठ नागरिकों को अच्छा प्रॉफिट मिलता है। यदि कोई 60 साल या उससे अधिक उम्र का व्यक्ति हैं जिन्होंने रिटायरमेंट का विकल्प चुना है तो वे एससीएसएस में आसानी से निवेश कर सकते हैं।
जीवन बीमा प्रीमियम (LIC)
रिटायरमेंट के दौरान उच्च चिकित्सा खर्चों को देखते हुए जीवन बीमा कवरेज महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि कोई जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में प्रीमियम जमा कर रहा हैं तो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80डी के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र माना जाता है। सीनियर सीटीजन स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के जरिए 50,000 रुपये तक की कर बचत कर सकते हैं।
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