अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मंगलवार को अपने विश्व आर्थिक आउटलुक (WTO) अपडेट में 2024-25 (वित्त वर्ष 25) के लिए भारत के विकास अनुमान को 20 आधार अंक (BPS) बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया, जिसमें घरेलू खर्च में बढ़ोतरी और बेहतर वैश्विक विकास संभावनाओं का हवाला दिया गया। हालाँकि, यह अनुमान वित्त मंत्रालय के 7 प्रतिशत विकास अनुमान से कम है।
इससे पहले वित्त वर्ष 2024 के लिए, आईएमएफ (IMF) ने अपनी अक्टूबर रिपोर्ट की तुलना में भारत के विकास अनुमान मे (वित्त वर्ष 24) के लिए 6.7 प्रतिशत किया था, जो इस महीने की शुरुआत में भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office) द्वारा अनुमानित 7.3 प्रतिशत की वृद्धि से अभी भी कम है।
अक्टूबर में कम रहने का था अनुमान
बढ़ती घरेलू मांग और सप्लाई पर आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत में विकास वित्त वर्ष 2024-25 और वित्त वर्ष 2025-26 दोनों में 6.5 प्रतिशत पर मजबूत रहने का अनुमान है, जिस अब बढ़ाकर दोनों वर्षों के लिए अक्टूबर के ऑकड़ों से 0.2 प्रतिशत अंक बढ़ाकर वृद्धी की गई है।
वहीं, वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी अपनी समीक्षा में कहा कि वित्त वर्ष 2025 में अर्थव्यवस्था लगातार चौथे वर्ष 7 प्रतिशत या उससे अधिक बढ़ने की संभावना है।
आरबीआई गवर्नर ने किया GDP जिक्र
आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने इस महीने की शुरुआत में दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में एक भाषण में कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 में भारत की जीडीपी (GDP) वृद्धि 7 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। हमारी शोध टीमें आगामी फरवरी 2024 की मौद्रिक नीति के लिए व्यापक मूल्यांकन करने की प्रक्रिया में हैं। मैं यह बात भारत में दिख रही आर्थिक गतिविधियों की मजबूत गति के आधार पर कह रहा हूं।
ये भी पढ़े- BUDGET SESSION आज से शुरू, आगामी लोकसभा चुनाव से पहले संसद का होगा ये आखिरी सत्र