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Monday, December 23, 2024
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Income Tax Saving : अगर भारी नुकसान से बचना है तो 31 मार्च से पहले कर लें ये काम!

Income Tax Saving : वित्त वर्ष 2023-24 खत्म होने से पहले इनकम टैक्स (Income tax) बचाने के लिए इन दिनों इन्वेस्टमेंट प्रूफ दाखिल किए जा रहे हैं। साथ ही इन्वेस्टमेंट के जरिए टैक्स की भी बचत की जा रही है। लेकिन, अगर आपने अभी तक टैक्स सेविंग (Tax savings) के लिए कुछ नहीं किया है तो ऐसे में कुछ टैक्स डिडक्शन में आप इन्वेस्ट, कमाई और अन्य माध्यमों के जरिए आप टैक्स (Income Tax Saving steps) बचाने के लिए छूट क्लेम कर सकते हैं।

इसकी खास बात ये है कि इसकी मदद से 8 लाख रुपए तक की सैलरी ले रहे लोगों का पूरा टैक्स बच सकता है। इसके लिए आप इन दस तरीकों के जरिए इनकम टैक्स सेव (Income Tax Saving tips) कर सकते हैं।

1. LIC, EPF, PPF और पेंशन स्कीम में निवेश

इनकम टैक्स सेविंग्स (Income tax savings) के लिए सेक्शन 80C सबसे आसान और बेहतरीन सेविंग ऑप्शन है। इसमें आपको कई तरह की टैक्स छूट मिलती है। इसके जरिए आप LIC पॉलिसी के प्रीमियम को क्लेम कर सकते हैं। प्रोविडेंट फंड (EPF), PPF, बच्चों की ट्यूशन फीस, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), होम लोन के प्रिंसिपल पर आप टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।

सेक्शन 80CCC में अगर आपने LIC या किसी और बीमा कंपनी का अगर एन्यूटी प्लान (पेंशन प्लान) खरीदा है तो आप टैक्स छूट ले सकते हैं। सेक्शन 80 CCD (1) में अगर आपने केंद्र सरकार की पेंशन स्कीम में पैसा लगाया है तो उसे क्लेम कर सकते हैं। इन सभी को मिलाकर टैक्स छूट 1.5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं हो सकती है।

2. होम लोन से बचाएं टैक्स

होम लोन (Home Loan) के प्रिंसिपल पर आप सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट ले सकते हैं। हालांकि, इसमें 1.5 लाख रुपए से ज्यादा की छूट नहीं मिलेगी। इसलिए अगर 80C में आपने बाकी कोई डिडक्शन क्लेम (पहले प्वाइंट के सभी प्लान) की है तो याद रखें ये सभी 1.5 लाख रुपए तक ही हो सकता है।

3. होम लोन के ब्याज से टैक्स सेविंग

होम लोन (Home Loan) प्रिंसिपल के अलावा ब्याज पर भी टैक्स छूट मिलती है। इस छूट को आप इनकम टैक्स के सेक्शन 24 (b) के तहत ले सकते हैं। इसमें 2 लाख रुपए तक का ब्याज टैक्स छूट के दायरे में आता है। ये टैक्स छूट तभी मिलेगी, जब प्रॉपर्टी पर आपका कब्जा हो।

4. NPS में निवेश

केंद्र सरकार की न्यू पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करने पर सेक्शन 80CCD (1B) के तहत 50,000 रुपए की अतिरिक्त छूट मिलती है। ये छूट सेक्शन 80C में मिली 1.5 लाख रुपए की टैक्स छूट से अलग है। सेक्शन 80CCD2 के तहत केंद्र सरकार की पेंशन स्कीम में एम्प्लॉयर के योगदान को भी क्लेम किया जा सकता है।

इसकी दो शर्तें हैं, पहली ये कि नियोक्ता कोई पब्लिक सेक्टर यूनिट (PSU) हो, राज्य सरकार की हो या कोई और। इसमें डिडक्शन की लिमिट सैलरी का 10% है। अगर नियोक्ता केंद्र सरकार है तो डिडक्शन की लिमिट 14% होगी।

5. हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर छूट

हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए भी आप सेक्शन 80D में प्रीमियम क्लेम कर सकते हैं। इसमें आप 25,000 रुपए तक का प्रीमियम क्लेम कर सकते हैं। इस केस में माता-पिता की उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए।

अगर आपके माता-पिता की उम्र 60 साल से ज्यादा है तो टैक्स छूट की सीमा 50,000 रुपए होगी। इसमें 5000 रुपए का हेल्थ चेकअप भी मिलता है। हालांकि, डिडक्शन हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम से ज्यादा नहीं हो सकता।

6. विकलांग आश्रितों के इलाज खर्च पर छूट

विकलांग आश्रितों के इलाज या उनके रखरखाव पर होने वाला खर्च क्लेम किया जा सकता है। इसमें आप साल में 75,000 रुपए तक क्लेम कर सकते हैं। अगर आश्रित व्यक्ति की अपंगता 80% या इससे ज्यादा है तो 1.25 लाख रुपए का टैक्स डिडक्शन मेडिकल खर्चों पर क्लेम किया जा सकता है।

7. मेडिकल ट्रीटमेंट के पेमेंट पर छूट

इनकम टैक्स के सेक्शन 80DD 1B के तहत खुद या किसी आश्रित की विशिष्ट बीमारी के इलाज के लिए भुगतान किए गए 40,000 रुपए तक की कटौती को क्लेम किया जा सकता है। वहीं सीनियर सिटिजन के लिए ये लिमिट 1 लाख रुपए होती है।

8. एजुकेशन लोन के ब्याज पर टैक्स छूट

एजुकेशन लोन पर ब्याज में टैक्स कटौती का अनलिमिटेड बेनेफिट मिलता है। टैक्स क्लेम उसी वर्ष से शुरू हो जाता है, जिस साल में लोन चुकाना शुरू होता है। अगले 7 साल तक इसका फायदा मिलता है। कुल 8 साल तक आप टैक्स छूट ले सकते हैं।

दो बच्चों के एजुकेशन लोन पर एक साथ टैक्स छूट मिलती है। अगर दो बच्चों के लिए 10% ब्याज दर पर 25-25 लाख का लोन लिया है, तो कुल 50 लाख रुपए पर सालाना ब्याज 5 लाख रुपए देना होगा। इस पूरी राशि पर टैक्स छूट मिलेगी।

9. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लोन पर छूट

इनकम टैक्स के सेक्शन 80EEB के तहत, अगर आपने कोई इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने के लिए लोन लिया है तो उसके ब्याज पेमेंट पर 1.5 लाख रुपए तक टैक्स छूट मिलती है।

10. हाउस रेंट पेमेंट का क्लेम

अगर HRA आपकी सैलरी का हिस्सा नहीं है तो आप सेक्शन 80GG के तहत हाउस रेंट पेमेंट को क्लेम कर सकते हैं। लेकिन जिस कंपनी में आप काम कर रहे हैं अगर वह कंपनी HRA देती है तब आप 80GG के तहत हाउस रेंट को क्लेम नहीं कर सकते हैं।

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