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Friday, October 18, 2024
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Post Office की जबरदस्त स्कीम, महज 5 साल NSC में पैसा डिपॉ‍जिट करने पर मिलेगा तगड़ा ब्याज!

Post Office NSC Scheme : अगर आप भी बिना रिस्क के निवेश कर मोटा पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्‍स सर्टिफिकेट (National Savings Certificates-NSC) में निवेश करना चाहिए। इस स्कीम में अगर आप पांच साल के लिए पैसा जमा करते हैं तो मोटा ब्याज मिल सकता है।

बता दें कि NSC एक तरह की डिपॉजिट स्‍कीम है। इसमें 5 साल निवेश करके आपको अच्छा ब्‍याज मिल सकता है। फिलहाल पोस्‍ट ऑफिस (Post Office Scheme) की इस स्‍कीम पर 7.7% की दर से ब्‍याज दिया जा रहा है।

इस स्कीम को खासतौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है जिन्हें सुरक्षित निवेश के साथ अच्छा रिटर्न भी चाहिए। अगर आप भी इस स्‍कीम में निवेश करना चाहते हैं तो देश के किसी भी पोस्‍ट ऑफिस में इसका लाभ ले सकते हैं।

NSC स्कीम की विशेषता

  • NSC में न्‍यूनतम 1,000 रुपए का निवेश, अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है।
  • कोई भी नागरिक इसमें अकाउंट खुलवा सकता है।
  • ज्वाइंट अकाउंट की भी सुविधा है।
  • संयुक्‍त खाता (दो से तीन लोग) की भी सुविधा
  • नाबालिक के नाम से उसके अभिभावक निवेश कर सकते हैं।
  • 10 साल तक के बच्‍चे अपने नाम से NSC खरीद सकते हैं।
  • एक साथ कई NSC अकाउंट खुलवा सकते हैं।

5 साल में स्कीम की मैच्योरिटी पूरी

NSC में आपको महज 5 साल के लिए निवेश करना होता है। इस स्कीम में आपको लॉन्ग टर्म के लिए पैसा जमा नहीं करना पड़ता। महज 5 साल में ये स्‍कीम मैच्‍योर हो जाती है। सालाना आधार पर ब्याज की कम्‍पाउंडिंग होती है और गारंटीड रिटर्न मिलता है।

निवेश के समय जो ब्‍याज दर लागू थी, मैच्योरिटी पूरी होने तक उसी के हिसाब से 5 साल का ब्‍याज कैलकुलेट होता है। अगर इस दौरान ब्याज दर में कोई बदलाव होता है तो आपके अकाउंट पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। बता दें कि जमा की गई रकम पर Section 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है यानी हर साल 1.50 लाख रुपए तक की जमा पर आपको टैक्स में छूट मिल सकती है।

पार्शियल विड्रॉल नहीं, विशेष स्थिति में प्रीमैच्‍योर क्‍लोजर

बता दें कि इस स्कीम में निवेश करने के बाद आप बीच में पैसा नहीं निकाल सकते हैं। यानी 5 साल बाद ही आपको पूरा अमाउंट मिलेगा। इसके अलावा प्रीमैच्‍योर क्‍लोजर भी कुछ विशेष स्थितियों में जैसे अगर एकल खाते या संयुक्त खाते में किसी एक या सभी खाताधारकों की मृत्यु पर, राजपत्रित अधिकारी होने के नाते गिरवीदार द्वारा जब्ती पर या न्यायालय के आदेश पर ही कराया जा सकता है।

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