Labour Code Rules: भारत सरकार श्रमिकों के हित में श्रम कानूनों को बदलने को लेकर एक के बाद एक कदम बढ़ाते जा रही है. केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसके बारे में बताते हुए कहा कि लगभग सभी राज्यों ने चार लेबर कोड पर नियमों का मसौदा तैयार कर लिया है. जल्द ही नए नियमों को उचित समय पर लागू किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राजस्थान ने दो संहिताओं पर मसौदा नियम तैयार कर लिए हैं जबकि दो पर अभी काम बाकी है. पश्चिम बंगाल में इन्हें अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है. मेघालय समेत पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों ने चारों संहिताओं पर मसौदा नियम तैयार करने की प्रक्रिया पूरी नहीं की है.
आपको बता दें कि वर्ष 2019 और 2020 में, 29 केंद्रीय लेबर कानून को चार लेबर कोड में मिलाया गया था. इसके लागू होने के बाद सैलरी, ऑफिस टाइमिंग से लेकर PF-रिटायरमेंट तक के नियमों में बदलाव हो सकता है. आइए विस्तार से जानते हैं इन प्रस्तावों के बारे में..
केंद्र सरकार ने ये प्रस्ताव किया पेश
– हर सप्ताह 4-3 अनुपात में बांटा गया है मतलब ये है कि 4 दिन ऑफिस, 3 दिन वीक ऑफ रहेगा. ऐसे में कर्मचारियों को 4 दिन में 48 घंटे यानी हर दिन 12 घंटे काम करना होगा.
-सरकार के मसौदे में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है.
– 5 घंटे के बाद कर्मचारियों को हर आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश का भी प्रस्ताव सरकार ने दिया है.
-किसी से एक हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा काम कराया जाता है तो वह ओवर टाइम माना जाएगा और भुगतान कंपनी करेगी.
-मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए. मूल वेतन बढ़ने से आपका पीएफ भी बढ़ जाएगा. पीएफ में योगदान बढ़ने से रिटायरमेंट के बाद पेंशन राशि में इजाफा होगा. इसके अलावा मेडिकल इंश्योरेंस समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी.
सरकार के इस प्रस्ताव का अनेकों मजदूर संगठनों ने स्वागत किया है और कहा है कि इससे उन्हें ज्यादा लाभ मिलेगा और उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी.