Old Pension Scheme Update: काफी लम्बे समय से केंद्रीय कर्मचारी देश में पुरानी पेंशन (Old Pension) स्कीम लागू करने की मांग कर रहे हैं। अब कर्मचारियों की इस मांग पर सरकार बड़ा फैसला सुना सकती है। इसी बीच अब पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर कई खबर सामने आ रही है। मौजूदा समय में देश के कई राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू हो चुकी है और कुछ में नहीं। जिन राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम लागू नहीं है, उन राज्यों में इसे लागू करने की मांग हो रही है।
31 अगस्त तक है समय
इस समय कर्मचारियों को सरकार पुरानी पेंशन योजना चुनने का मौका दे रही है। कर्मचारियों को 31 अगस्त तक का समय दिया गया है, जिसमें कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम को चुन सकते हैं। इसके अलावा अगर कर्मचारी 31 अगस्त तक ओल्ड पेंशन योजना का ऑप्शन नहीं चुनते हैं, तो उनको नई पेंशन योजना में डाल दिया जाएगा।
कई राज्यों में लागू हो चुकी है ओल्ड पेंशन स्कीम
देश के कई राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू हो चुकी है, जिसमें छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब समेत कई राज्य शामिल हैं। साल 2004 में केंद्र सरकार ने पुरानी पेशन योजना को खत्म करके राष्ट्रीय पेंशन योजना शुरू की थी।
क्या है पुरानी पेंशन योजना का लाभ
पुरानी पेंशन योजना के लाभ की बात करें तो इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें आखिरी ड्रॉन सैलरी के आधार पर बनती है। वहीं, महंगाई दर बढ़ने के साथ ही डीए में भी बढ़ोत्तरी होती है। आपको बता दें, जब सरकार नया वेतन आयोग लागू करती है तो भी इससे पेंशन में बढ़ोत्तरी होती है।
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नई पेंशन योजना की समस्या
नई पेंशन योजना को लेकर अधिकारियों का मानना है कि इस स्कीम में इस तरह से बदलाव करे, जिससे रिटायरमेंट के समय में कर्मचारियों को एकमुश्त राशि के रूप में मोटा पैसा यानी करीब 41.7 फीसदी का योगदान वापस मिले। लेकिन नई पेंशन योजना ओपीएस के बिलकुल उल्टी है। यही इस स्कीम कि एक बड़ी समस्या है।
पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना में अंतर
नई और पुरानी पेंशन योजना में बहुत ही ज्यादा अंतर है और इस कारण कर्मचारी और पेंशनर्स ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग कर रहे हैं। रिटायरमेंट के समय पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को सैलरी की आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती है, जबकि नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की बेसिक सैलरी+डीए का 10 फीसद हिस्सा कटता है। लेकिन पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों की सैलरी से कोई भी पैसा नहीं कटता है। नई पेंशन में 6 महीने बाद मिलने वाले डीए का भी प्रावधान नहीं है, जबकि ओल्ड पेंशन में पेमेंट सरकार की ट्रेजरी के द्वारा किया जाता है। इसके अलावा नई पेंशन में निश्चित पेंशन की कोई भी गारंटी नहीं मिलती है।
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