Pension Scheme: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने विधवा और वृद्धाओं को दी जाने वाले पेंशन को अब और भी आसान व सुरक्षित कर दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने अब विधवा व वृद्धावस्था पेंशन को ई-केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया है। इस प्रक्रिय के तहत सरकार को इसका उचित डाटा मिलता है और कोई भी अपात्र इस योजना का गलत फायदा नहीं उठा पाएगा।
56 लाख लाभार्थी योजना के अन्तर्गत पंजीकृत है
विधवा और वृद्धावस्था दोनों के लिए उत्तर प्रदेश के लगभग 56 लाख लाभार्थी इस योजना के अन्तर्गत पंजीकृत है।
दोनों विभागों के लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी कराना सबसे अहम हो गया है।
बिना ई-केवाईसी के योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
वृद्धावस्था और विधवा या निराश्रित महिला पेंशन योजना के लिए ई-केवाईसी जरूरी है। न
ए लोग योजना का लाभ लेने के लिए अपना पंजीकरण करा रहे हैं तो पंजीकरण के साथ ही ई-केवाईसी की प्रक्रिया को भी पूरा कर ले।
सरकार ने ऐसे लोगों के नाम लिस्ट से हटा दिये है जो इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र नहीं हैं।
KYC के द्वारा आधार कार्ड, पैन कार्ड खाते से जोड़ना
विधवा और वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत लाभार्थियों की ई-केवाईसी के द्वारा आधार कार्ड, पैन कार्ड खाते से जोड़ना का कार्य है। इस प्रक्रिया के तहत सरकार के पास उन लोगों की सूची उपलब्ध होगी जिन्हें सच में लाभ मिलना चाहिए। विधवा और वृद्धावस्था पेंशन के लिए लाभार्थियों के जीवित होने का भी प्रमाण पत्र जरूरी कर दिया गया है। समाज कल्याण विभाग की ओर से डाटा के अनुसार राज्य के 56 लाख लाभार्थी इस योजना का लाभ ले रहे है। ये पेंशन तिमाही के आधार पर दी जाएगी। लाभार्थियों के खाते में अप्रैल से जून की पहली तिमाही की पेंशन एक हजार प्रति माह के हिसाब से लाभार्थियों के खाते में भेज दी गई है। नए लाभार्थियों को भी सरकार ने जल्द से जल्द ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करानें को कहा , जिससे वें भी योजना का लाभ जल्द ले सकें। विधवा पेंशन के तहत अगर कोई महिला इस योजना का लाभ ले रही है और उसने दूसरी शादी कर ली है या गांव छोड़कर कहीं और जाकर बस गई है तो ऐसे में महिला को अपात्र समझा जाएगा।