नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौरान मोदी सरकार ने गरीब तबके के लिए को ‘फ्री राशन योजना’ की व्यवस्था शुरू की थी। पिछले कुछ दिनों से यह खबरें भी सामने आई है कि केंद्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना का अपात्र लोग भी जमकर फायदा उठा रहे हैं जो गरीब नहीं है और उनके पास खेत-खलिहान व अच्छे खासे बिजनेस चल रहे हैं। सरकार ने ऐसे लोगों पर लगाम कसने के लिए कमर कस ली और लगातार राशन कार्ड धारकों के लिए नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं।
फेक खबरों पर सरकार का स्पष्टीकरण
आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें आग की तरह फैल रही थी कि मोदी सरकार अपात्र लोगों से उनके राशन कार्ड वापस जमा करने को बोल रही है। साथ ही यह भी मेसेज वायरल हो रहा था ऐसे राशनकार्ड धारकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। हालांकि, बाद में उत्तर प्रदेश सरकार द्धारा इस पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए बयान जारी किया गया था कि ऐसा कोई भी आदेश केंद्र सरकार या राज्य सरकार की तरफ से जारी नहीं किया गया है।
दोपहिया वाहन 3 लाख सालाना आय वाले नहीं ले सकेंगे मुफ्त राशन
सरकारी नियम के मुताबिक, जिन राशन कार्ड धारकों के पास पार पहिया वाहन, ट्रैक्टर, शस्त्र लाइसेंस, गांव में दो लाख रूयपए जब कि शहरी क्षेत्र में तीन लाख सालाना से अधिक पारिवारिक आय हैं तो ऐसे लोगों सरकार की मुफ्त राशन योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं। साथ ही साथ अगर आपके पास खुद की आय से लिया गया करीब 100 वर्ग मीटर का मकान या प्लैट हैं तो आप मुफ्त राशन योजना के हकदार नहीं है और यदि फिर भी आप ऐसा करते हैं तो शासन आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है।
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