RBI Draft Regulations : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए नए मसौदा नियम जारी कर दिए हैं। इसके तहत भौतिक पॉइंट-ऑफ-सेल (Physical PoS) गतिविधियों सहित मौजूदा निर्देशों में कुछ संशोधनों को भी शामिल किया गया है। बता दें कि आरबीआई ने 31 मई 2024 तक नवीनतम निर्देशों पर सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं।
बता दें कि सितंबर 2022 में आरबीआई ने प्रॉक्सिमिटी या फेस-टू-फेस पेमेंट को संभालने वाले ऑफलाइन पेमेंट एग्रीगेटर्स पर लागू विकासात्मक और नियामक नीतियों पर कुछ निर्देशों की घोषणा की थी।
भुगतान प्रणाली को मजबूत करना उद्देश्य
इसके अलावा डिजिटल लेनदेन में वृद्धि और इस क्षेत्र में पीए द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, पीए पर वर्तमान निर्देशों के अनुसार अद्यतन करने का प्रस्ताव है। ये अपडेट, अन्य बातों के साथ-साथ, केवाईसी और व्यापारियों के उचित परिश्रम, एस्क्रो खातों में संचालन आदि को कवर करते हैं। इनका उद्देश्य भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करना है।
RBI के नए मसौदा नियमों की महत्वपूर्ण बातें
- नए मसौदा निर्देश पेमेंट एग्रीगेटर्स की भौतिक पीओएस गतिविधियों को कवर करते हैं। देश में डिजिटल लेनदेन में हुई बढ़ोत्तरी और इस क्षेत्र में पेमेंट एग्रीगेटर्स द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए मौजूदा निर्देशों में संशोधन किया गया है।
- इस अपडेट में ‘अपने ग्राहक को जानें’ (KYC) नियम और एस्क्रो खातों (Escrow Accounts) में संचालन जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसका उद्देश्य भुगतान प्रणाली को और मजबूत करना है।
- आरबीआई ने प्रस्ताव दिया है कि पेमेंट एग्रीगेटर पीओएस सेवाएं (जैसे रेजर पे और अमेजन पे) देने वाले गैर-बैंकों की नेट वर्थ प्राधिकार के लिए अप्लाई करते समय 15 करोड़ रुपये होनी चाहिए। इसके साथ ही 31 मार्च, 2028 तक उनके पास न्यूनतम शुद्ध संपत्ति 25 करोड़ रुपये होनी चाहिए। इसे उसके बाद हर समय बनाए रखना होगा।
- नए गैर-बैंकों पर भी इसी तरह के नियम लागू होंगे। यानी ऐसी संस्थाएं (RBI Draft Regulations) जिन्होंने इस सर्कुलर की तारीख से पहले परिचालन शुरू नहीं किया है।
- प्राधिकार के लिए आरबीआई में आवेदन करते समय न्यूनतम 15 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए। प्राधिकरण के अनुदान के तीसरे वित्तीय वर्ष के अंत तक संस्थान को न्यूनतम 25 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति प्राप्त करनी होगी। इन संस्थाओं को उसके बाद हर समय न्यूनतम 25 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति बनाए रखनी होगी।
- अगर संस्थान को 1 अक्टूबर, 2025 को प्राधिकरण प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है, तो वह 31 मार्च, 2028 तक 25 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति हासिल कर लेगी।
- मसौदा नियमों में यह भी कहा गया है कि पेमेंट एग्रीगेटर्स को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वे जिस मार्केटप्लेस पर हैं, वे उनके द्वारा प्रदान नहीं की गई सेवाओं के लिए धन एकत्र या व्यवस्थित न करें।
- वहीं अगर संचालन में पेमेंट एग्रीगेटर पीओएस नेट वर्थ एकत्र करने में असफल रहता है या निर्धारित समय सीमा के भीतर प्राधिकरण के लिए आवेदन नहीं करने पर, 31 जुलाई, 2025 तक एकत्रीकरण गतिविधि को बंद करना होगा।
- आरबीआई ने यह भी कहा कि बैंक 31 अक्टूबर, 2025 तक गैर-बैंक पीए-पी के खाते बंद कर देंगे, जब तक कि ऐसे पीए आरबीआई को प्रस्तुत प्राधिकरण के लिए आवेदन के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करते हैं।