PM Surya Ghar: बिजली की लागत भारत में किसी भी घर के मासिक घरेलू खर्च का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। खासकर गर्मी के महीनों में बिजली का बिल बढ़ जाता है। हालाँकि, अब सरकार ऐसी योजनाएं शुरू कर रही है जिनके जरिए आप मुफ्त बिजली पा सकते हैं। ऐसी ही एक योजना है पीएम सूर्य घर। जिसमें छत पर सोलर लगाकर मुफ्त बिजली प्राप्त की जा सकती है। निकट भविष्य में इस योजना के तहत करीब एक करोड़ परिवारों को मुफ्त बिजली मिल सकती है।
इस योजना को सफल बनाने के लिए सरकार 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिसमें परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। लोगों पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा और सब्सिडी मालिक के खाते में जमा हो जाएगी। इसके अलावा उचित दर पर बैंक ऋण भी प्राप्त किया जा सकता है। योजना को लागू करने के लिए स्थानीय निकायों और पंचायतों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे लोगों की आय बढ़ेगी, बिजली की लागत कम होगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
स्टेप 1: सबसे पहले pmsuryagarh.gov.in पर जाएं और अप्लाई फॉर रूफटॉप पर क्लिक करें। सबसे पहले आपको इसमें रजिस्ट्रेशन करना होगा।
उसके लिए अपना राज्य चुनें। अपनी बिजली वितरण कंपनी दर्ज करें। मोबाइल नंबर, ईमेल दर्ज करें।
पोर्टल पर जैसा सुझाव दिया गया है वैसा ही करें।
चरण 2: उपभोक्ता संख्या और मोबाइल नंबर के साथ लॉग इन करें।
फॉर्म में बताए अनुसार रूफटॉप सोलर के लिए आवेदन करें।
चरण 3: बिजली कंपनी द्वारा व्यवहार्यता के सत्यापन के बाद मंजूरी दी जाएगी।
इस अनुमोदन की प्रतीक्षा करें, अनुमोदन के बाद किसी भी पंजीकृत विक्रेता का प्लांट स्थापित करें।
चरण 4: एक बार इंस्टॉलेशन हो जाने पर प्लांट का विवरण जमा करें और नेट मीटर के लिए आवेदन करें।
चरण 5: नेट मीटर स्थापित होने और डिस्कॉम द्वारा निरीक्षण के बाद एक कमीशनिंग प्रमाणपत्र पोर्टल पर उपलब्ध होगा।
एक बार कमीशनिंग प्रमाणपत्र प्राप्त हो जाने पर, बैंक खाते का विवरण और एक रद्द चेक प्रदान करें। यह प्रक्रिया वेबसाइट के माध्यम से ही पूरी करनी होगी। सब्सिडी 30 दिनों के भीतर आपके खाते में जमा कर दी जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बजट 2024 में इस योजना के बारे में जानकारी दी। इसके मुताबिक एक करोड़ परिवारों को प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल सकेगी। इससे प्रत्येक परिवार प्रति वर्ष 15,000 से 18,000 रुपये की बचत कर सकेगा। इस सिस्टम से वाहन चार्ज हो सकेंगे, बड़ी संख्या में इंस्टॉलेशन के अवसर मिलने से लोगों को रोजगार मिलेगा, कई वेंडर दुकानें खुलेंगी। तकनीकी कौशल वाले लोगों को स्थापना, विनिर्माण और रखरखाव में काम मिलता रहेगा।
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