Saudi Arabia: सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था 2022 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। सऊदी अरब चीन, भारत जैसे एशियाई दिग्गजों और पश्चिमी यूरोप सहित उत्तरी अमेरिका की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ देगा। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सऊदी अरब की जीडीपी 2022 में 7.5 प्रतिशत रहने वाली है। इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी अरब में 2011 के बाद से सबसे तेज विकास दर है।
विशाल अधिशेष क्षमता
2022 में सऊदी अरब के खाते में लगभग 163 बिलियन डॉलर का अधिशेष होने की उम्मीद है। जो 2021 में 44 बिलियन डॉलर से अधिक है। सऊदी सेंट्रल बैंक ने यूएस फेडरल रिजर्व की तरह मौद्रिक नीति में कोई लचीलापन नहीं दिखाया है। नतीजतन, देश में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति 2022 में औसतन लगभग 2.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। 2023 में इसके और कम होने की उम्मीद है।
सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था को झटका
रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी अरब की आर्थिक वृद्धि मुख्य रूप से उच्च ऊर्जा कीमतों, बढ़ते तेल और गैस उत्पादन, ऊर्जा और गैर-ऊर्जा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश के कारण है। COVID-19 टीकाकरण कार्यक्रम के सफल रोलआउट का अर्थव्यवस्था पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
विशाल अधिशेष क्षमता
2022 में सऊदी अरब के खाते में लगभग 163 बिलियन डॉलर का अधिशेष होने की उम्मीद है। जो 2021 में 44 बिलियन डॉलर से अधिक है। सऊदी सेंट्रल बैंक ने यूएस फेडरल रिजर्व की तरह मौद्रिक नीति में कोई लचीलापन नहीं दिखाया है। नतीजतन, देश में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति 2022 में औसतन लगभग 2.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। 2023 में इसके और कम होने की उम्मीद है।
कारोबारी माहौल में सुधार
सऊदी अरब में चल रहे नियामक सुधारों से कारोबारी माहौल में सुधार हो रहा है और विदेशी निवेश आकर्षित हो रहा है। ये सुधार देश के बाजार का समर्थन करने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रो-बिजनेस रिफॉर्म्स ने यहां बिजनेस शुरू करना आसान बना दिया है। इससे विदेशी कंपनियों के लिए यहां की अर्थव्यवस्था में निवेश करना आसान हो गया है।