FMCG Company Price Hike: भारत में मुद्रास्फीति और मूल्य वृद्धि एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। कच्चे माल की बढ़ती लागत के कारण तेजी से आगे बढ़ने वाली उपभोक्ता सामान कंपनियां लगातार अपने सामान की कीमतें बढ़ा रही हैं। हाल ही में FMCG सेक्टर की कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमतों में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। ऐसा साबुन, शैंपू, तेल, टूथपेस्ट जैसी वस्तुओं में अधिक देखा जाता है। नए वित्तीय वर्ष से आने वाले दिनों में भी उत्पादों की कीमतों में बदलाव होने की संभावना है।
एमके ग्लोबल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साबुन, खाद्य तेल और बिस्कुट ही ऐसी तीन कैटेगरी थीं, जहां कीमतें बढ़ने के बजाय गिर गईं। एफएमसीजी कंपनियां लंबे समय से कीमतें बढ़ाने का सही मौका तलाश रही हैं और उन्हें वह मौका मिल गया है। बाजार में मांग कमजोर होने पर एफएमसीजी कंपनियों को अपनी लाभ फायदा सुधारने के लिए कीमतें बढ़ानी पड़ी हैं। चौथी तिमाही में सभी श्रेणियों में कीमतें औसतन 10 प्रतिशत तक बढ़ी हैं। साबुन, खाद्य तेल ही ऐसे उत्पाद हैं जिनकी कीमतें नहीं बढ़ीं हैं।
दस फीसदी से ज्यादा की हुई बढ़ोतरी
भारत की सबसे बड़ी उपभोक्ता वस्तु निर्माता कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने डिटर्जेंट ब्रांड-रिन और सर्फ एक्सेल क्विक वॉश की कीमतों में 3 से 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इसके वितरकों ने इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा, प्रॉक्टर एंड गैंबल ने अपने 700 ग्राम और 1.5 किलोग्राम एरियल डिटर्जेंट पैक की कीमतों में 4 फीसदी और 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है।
टूथपेस्ट, हेयर ऑयल, डिटर्जेंट, शैंपू, स्वास्थ्य खाद्य पेय, चाय और कॉफी में कंपनियों की संख्या लगातार बढ़ी है। टूथपेस्ट की बात करें तो हिंदुस्तान यूनिलीवर ने पेप्सोडेंट की कीमत में दो से 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। कोलगेट पामोलिव के टूथपेस्ट की कीमत में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा कोलगेट ने विजिबल व्हाइट लाइन की कीमत में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है।
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