Ghaziabad: गाजियाबाद से बड़ी लूटपाट की खबर सामने आई है. बताया जा रहा है की नौकरी दिलाने के नाम पर 10 लाख रुपये की ठगी की गई । इस घटना में आरोपी ने खुद को एक मंत्री का निजी सचिव बताकर युवा की आंखों में धूल झोक दी। आरोपी ने युवक को नोएडा ऑथॉरिटी के लैड़ डीपार्टमेंट में नौकरी दिलाने का वादा किया था, लेकिन वादा पूरा नहीं किया और तो और सारे पैसे लेकर भाग निकला.
कैसे हुई ठगी?
विजयनगर इलाके के प्रताप विहार के निवासी धर्मराज ने बताया कि उनकी मुलाकात बुलंदशहर के राधानगर निवासी विजय कुमार से उनके एक मित्र मे कराई थी। विजय ने खुद को एक मंत्री का निजी सचिव बताते हुए दावा किया कि उसकी नोएडा ऑथॉरिटी में अच्छी जान-पहचान है और वह धर्मराज को नोएडा प्राधिकरण के भूलेख विभाग में नौकरी दिलवा सकता है। उसकी बातों पर विश्वास करते हुए धर्मराज ने विजय से इस बारे में सौदा तय कर लिया।
क्या था सौदा ?
विजय ने नौकरी लगवाने के बदले धर्मराज से 10 लाख रुपये मांगे थे। धर्मराज ने आधी रकम बैंक खाते में ट्रांसफर की और आधी रकम नकद दी। पैसे देने के बाद विजय ने कुछ समय तक धर्मराज को नौकरी लगवाने का भरोसा दिलाते हुए आनाकानी की और फिर इसके बाद फोन उठाना बंद कर दिया।
मामले का खुलासा
जब धर्मराज ने कई बार विजय से संपर्क करने की कोशिश की, विजय ने उन्हें धमकी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने ज्यादा दबाव बनाया, तो वह उन्हें किड़नेप करवा देगा और उनको जान से मार देगा। इस धमकी से डरकर धर्मराज ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस ने की जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट दर्ज कर ली । एसीपी रितेश त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस अब आरोपी विजय कुमार की तलाश में जुटी हुई है और जल्द ही उसे गिरफ्तार करने की उम्मीद है। पहले भी ऐसे ठगी के मामले सामने आए हैं जहां इस तरह नौकरी दिलाने के नाम पर लुटा जाता है.