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Thursday, October 17, 2024
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श्रम विभाग के पोर्टल से 1.7 करोड़ का Cyber Fraud, 55-55 हजार रुपए 196 खातों में ट्रांसफर

Cyber Fraud : तू डाल डाल मैं पात पात… इसी कहावत पर साइबर ठग काम कर रहे हैं। हाई सिक्योरिटी सिस्टम होने के बावजूद भी साइबर ठग ठगी (Labour Department Cyber Fraud) करने में कामयाब हो रहे हैं। हाल ही में एक बड़ी साइबर ठगी श्रम विभाग में सामने आई है।

श्रम विभाग के पोर्टल पर सेंधमारी कर करीब 1 करोड़ 7 लाख 80 हजार रुपए से ज्यादा की रकम की ठगी कर दी गई। श्रम विभाग के पोर्टल में सेंधमारी में विभागीय संलिप्तता भी सामने आ सकती है। पोर्टल में लॉगइन के लिए ओटीपी का भी प्रयोग किया गया है। अपर श्रमायुक्त ने साइबर थाने में FIR दर्ज कराई है।

इसकी पुष्टि श्रम विभाग लखनऊ से हुई जांच में हुआ है। दो दिन में ही 250 लोगों से आवेदन करा दिए गए और एक ही दिन में 196 लोगों के खाते में रकम भी ट्रांसफर कर दी गई। इससे आवेदनकर्ताओं की पहचान पर भी सवालिया निशान लग गया है।

पूरी प्रक्रिया है ऑनलाइन

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उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक कर्मकार कल्याण बोर्ड श्रमिकों के कल्याण के लिए कन्या विवाह सहायता योजना चलाता है। सारी डिटेल व लाभार्थियों का लेखा-जोखा व संचालन UPLMIS.in और sna.uplmis.in पोर्टल से होता है। साइबर ठगो ने इन्ही पोर्टल पर सेंधमारी की।

सहारनपुर में तैनात कर्मी की आईडी से हुआ खेल

ठगों ने सहारनपुर में तैनात रोहित कुमार की आईडी से बिना मोबाइल नंबर, बिना नवीनीकरण, बिना फैमिली आईडी के 25 और 30 जनवरी को 259 आवेदन कराए। रोहित की आईडी से आवेदन आवंटित नहीं हो सकते थे। शातिरों ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी कानपुर देहात अरविंद की आईडी से आवंटन की प्रक्रिया पूरी की।

कन्या विवाह योजना में कराया आवेदन

रिपोर्ट के मुताबिक 25 जनवरी की दोपहर 1:14 बजे और 30 जनवरी की शाम 5:35 बजे सहारनपुर की आईडी से 259 लोगों का कन्या विवाह योजना में आवेदन कराया गया। 29 जनवरी 2024 को 196 खातों में 1 करोड़ 7 लाख 80 हजार भेजे गए। बाकी आवेदन रकम ट्रांसफर होने के बाद हुए थे। इससे साफ है शातिर दोबारा पोर्टल में सेंधमारी करने का षड्यंत्र रच चुका था।

इस प्रकार है आवेदन की प्रक्रिया

एक साल से कम रजिस्ट्रेशन अवधि वाले श्रमिकों का आवेदन पोर्टल स्वीकार नहीं करता है। ठगों के अप्लीकेशन को न सिर्फ स्वीकार किया। वेरीफिकेशन चेन को भी तोड़ दिया। आवेदन सहायक श्रमायुक्त के पोर्टल पर जाता है।

फर्जी डिजिटल सिग्नेचर किए गए

अगला चरण अपर श्रमायुक्त का होता है, डिजिटल सिग्नेचर होते हैं। अपर श्रमायुक्त कल्पना श्रीवास्तव के फर्जी डिजिटल सिग्नेचर लगा मैपिंग भी करा ली। ट्रेजरी ऑफिसर के संयुक्त सिग्नेचर बगैर भुगतान भी करा लिया। साइबर थाने में एफआईआर कराई गई है।

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