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कानपुर में करोड़ों की साइबर ठगी का पर्दाफाश, भोपाल से गिरफ्तार हुए बैंक कर्मियों समेत गैंग का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिछा

Kanpur: उत्तर प्रदेश के कानपुर में करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक बड़े साइबर गैंग का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने इस गिरोह के चार शातिर ठगों को भोपाल से गिरफ्तार किया है, जिनमें से तीन बैंककर्मी थे। हैरानी की बात यह है कि इस गैंग का दादा केवल आठवीं पास है, लेकिन उसने देशभर में ठगी का जाल बिछाया हुआ था। गैंग टेलीग्राम और व्हाट्सएप के जरिए निवेश का झांसा देकर भोले-भाले लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा था. इसकी देख रेख चीन, दुबई और आर्मेनिया से हो रही थी।

कैसे आया मामला नज़र में?

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पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब कानपुर के कैंट निवासी सेना के अफसर से 1.78 करोड़ रुपये की ठगी की गई। पुलिस की साइबर सेल ने मामले में जांच शुरू की और भोपाल में आरोपियों का ठिकाना पता लगाया. पता चलते ही वहां छापा मारा गया। पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया, जिनमें रोहित सोनी (गिरोह का दादा), बैंक लोन रिकवरी एजेंट अक्षय गुरु, सेल्स रिप्रेजेंटेटिव मनीष मंडल और बैंक क्लर्क मयंक मीणा शामिल हैं।

आरोपियों के पास से ये चीजें बरामद हुई?

पुलिस ने गैंग के पास से 15 मोबाइल, लैपटॉप, मैकबुक, एटीएम स्वाइप मशीन और कई बैंक दस्तावेज बरामद किए हैं। डीसीपी क्राइम के अनुसार, इस गैंग ने अब तक 500 से ज्यादा लोगों को ठगा है और 50 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन किया है। गैंग का दादा ठगी से कमाए पैसे को क्रिप्टोकरेंसी के जरिए विदेश भेजता था। मामले की जांच जारी है और अन्य आरोपियों की तलाश भी की जा रही है।

कैसे करते थे ठगी?

गैंग के सदस्य लोगों को पहले व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ते थे, जहां उन्हें मोटे मुनाफे का लालच देकर निवेश कराया जाता था। शुरुआत में कुछ मुनाफा देकर लोगों को फंसाया जाता और फिर उन्हें टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर ठगी की जाती थी।

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आशीष श्रीवास्तव का क्या कहना है?

डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि “इस ठगी नेटवर्क का संचालन विदेश से हो रहा है।गैंग का प्रमुख विदेश में बैठे आकाओं के संपर्क में था और ठगी से कमाए गए पैसे को क्रिप्टोकरेंसी के जरिए विदेश भेजता था। पुलिस अब इन बैंक खातों की जांच कर रही है और आरोपी के अन्य संपर्कों का भी पता लगाया जा रहा है।”

 

 

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