Kanpur news: कानपुर में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है. बताया जा रहा है कि मरीजों की संख्या 100 के पार पहुंच चुकी है। मंगलवार को 7 नए मामले सामने आए हैं. अब तक कुल 103 लोग इस इन्फेक्शन के चंगुल में हैं। वहीं रोजाना करीब 200 लोगों की सैंपलिंग की जा रही है और अस्पताल प्रशासन अलर्ट मोड पर है। स्पेशलिस्ट का कहना है कि आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी
डेंगू मरीजों की संख्या कुछ समय पहले एक या दो निकल रही थी, लेकिन बुधवार की बात करें तो शहर में चार डेंगू मरीज निकले थे। इसके बाद गुरुवार को एक ही मरीज पॉजिटिव आया था। शुक्रवार को फिर से ये संख्या बढ़कर 6 तक पहुंच गई और रविवार को 4 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई.मंगलवार को तो 7 मरीजों की डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव निकली थी.
15 प्रतिशत मरीजों में पाए गए डेंगू के लक्षण
डॉ. बीपी प्रियदर्शी कानपुर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर हैं. उनका कहना है कि “इन दिनों अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 10 से 15 प्रतिशत मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिनमें डेंगू के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में रोजाना करीब 50 से 60 लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। इनमें से 2 या 3 लोगों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ रही हैं। इसके अलावा कुछ मरीज ऐसे भी आ रहे हैं, जिनको बुखार काफी तेज रहता है। ऐसे मरीजों को भर्ती भी करना पड़ रहा है, लेकिन इनकी संख्या ना के बराबर है.
20 से 50 साल वाले मरीज ज्यादा
डॉ. प्रियदर्शी ने बताया कि जितने भी मरीज आ रहे हैं, उनमें से 80 प्रतिशत मरीजों की उम्र 20 से 50 साल की है। ऐसे लोग जिनका ज्यादा बाहर का मूवमेंट रहता है, उनमें डेंगू का खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि डेंगू का मच्छर अधिकतर दिन में ही काटते हैं। डॉक्टर का कहना है . जहां पर खुली नालियां, नाला या गंदा पानी भरा होता है, वहां पर इन मच्छरों की संख्या अधिक होती है।
वायरस किस पर सबसे ज्यादा हावी
डॉ. प्रियदर्शी के मुताबिक जिन लोगों में बीपी, शुगर, किडनी, लीवर, कैंसर जैसी बीमारी होती है, उनमें ये वायरस तेजी से अटैक करता है डॉक्टर का कहना है कि जब शारीरिक क्षमता कम होगी तो हर वायरस शरीर में तेजी से अटैक करेगा। यदि किसी में डेंगू पॉजिटिव आया है तो ऐसे मरीजों में पूरी तरह से बुखार ठीक होने में 10 दिन का समय लग रहा है। यदि इस बीच प्लेटलेट्स और कम हुई तो मरीज को खून की उल्टी, पेशाब से खून आने की भी संभावना है.
डेंगू मरीजों के लिए अलग किए गए बेड
हैलट अस्पताल में 40 बेड संरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा उर्सला अस्पताल में भी करीब 30 बेड डेंगू मरीजों के लिए अलग किए गए है। वहीं, काशीराम अस्पताल में 20 बेड का एक वार्ड डेंगू मरीजों के लिए बनाया गया है। डॉक्टर के मुताबिक यहां पर अन्य मरीजों को भर्ती नहीं किया जाएगा।