Ghazipur: जिले से एक बड़ी हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. बताया जा रहा है की बिजली विभाग की ओर से मीटर रीडरों की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। आरोप है कि कुछ मीटर रीडर बिना ग्राहक के घर गए ही फर्जी रीडिंग विभाग को दे रहे थे। यह मामला तब उजागर हुआ जब ग्राहक से मनमाने बिल भेजे जाने की लगातार शिकायतें आने लगीं।
बिजली विभाग की जांच
गाजीपुर में कुछ समय से लोगों की गलत बिजली बिल आने कि शिकायत आ रही थी. कुछ रीडर्स बिना रीडिंग के बिल भेज रहे थे.बिजली विभाग ने मामले की जांच की, जिसमें मीटर रीडरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इसके परिणामस्वरूप, विभाग ने दो मीटर रीडरों, राज नारायण खरवार और बलराम यादव, को कार्यमुक्त कर दिया है। अधिशासी अभियंता द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि खरवार ने 133 और यादव ने 200 मीटरों की रीडिंग मनमाने तरीके से की थी।
कैसे होता है बिजली विभाग का काम?
बिजली विभाग की मीटर रीडिंग आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से की जाती है। मीटर रीडरों को मशीनें दी जाती हैं, जिनके जरिए वे ग्राहक के मीटर से रीडिंग और अन्य विवरण रिकॉर्ड करते हैं। लेकिन जांच में यह सामने आया कि दोनों रीडर ने घर बैठे ही मीटर रीडिंग के आंकड़े विभाग को उपलब्ध कराए, जिसके कारण ग्राहक को गलत बिजली बिल भेजे गए।
कारवाई शुरू हुई
प्रबंधक अभियंता आशीष शर्मा ने कहा कि विभाग के मानकों के अनुसार मीटर रीडिंग नहीं किए जाने की कई शिकायतें मिली थीं। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद तत्काल कार्रवाई की गई है।राज नारायण खरवार और बलराम यादव,को कार्यमुक्त कर दिया है।