Gujrat News : गुजरात के मोरबी (Morbi, Gujrat) जिले में एक कर्मचारी को अपनी सैलरी मांगना इतना भारी पड़ गया कि उसे अस्पताल जाना पड़ा। दरअसल राणीबा इंडस्ट्रीज (Raniba Industries) में काम करने वाला युवक अपना बकाया वेतन मांगने गया तो फैक्ट्री के मैनेजर और दूसरे कर्मचारियों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। सिर्फ इतना ही नहीं फैक्ट्री की मालकिन विभूति पटेल ने उसे सैंडल चटवाकर माफी मांगने पर मजबूर कर दिया।
जानकारी के मुताबिक मोरबी शहर की ‘ए’ डिवीजन पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई, जिसके मुताबिक राणीबा इंडस्ट्रीज एंड सिरामिक एक्सपोर्ट में काम करने वाले 21 वर्षीय युवक नीलेश दलसाणिया ने 18 नवंबर को नौकरी छोड़ दी थी। जब वह अपना 16 दिन का वेतन मांगने कारखाने पहुंचा, तो वहां कंपनी की मालकिन विभूति उर्फ राणीबा, उसका भाई ओम पटेल, राज पटेल, डीडी रबारी और अन्य चार युवकों ने मिलकर उसकी बेल्ट से पिटाई कर दी। जब पीटने के बाद भी उनका मन नहीं भरा तो राणीबा ने उसे जबरदस्ती सैंडल चाटकर माफी मांगने के लिए मजबूर किया।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
बता दें कि यह घटना बुधवार की है। आरोपितों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया (Gujrat News) पर प्रसारित कर दिया। पीड़ित नीलेश ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की है। इसके बाद राणीबा, उसके भाई और 6 अन्य लोगों के खिलाफ अत्याचार निवारण कानून के तहत गुरुवार को मुकदमा दर्ज किया गया है।
मालकिन समेत करीब 8 लोगों पर FIR
वहीं, इस पूरे मामले पर पुलिस उपाधीक्षक (एससी/एसटी सेल) प्रतिपाल सिंह जाला ने बताया कि बुधवार को एक युवक के द्वारा वेतन मांगने पर उसकी पिटाई कर दी गई। पहले उसके साथ मारपीट की गई उसके बाद उसे जूता मुंह में दबाकर रखने के लिए कहा गया। शिकायत के आधार पर मोरबी शहर की ‘ए’ डिवीजन पुलिस ने गुरुवार को सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
बता दें कि विभूति पटेल रानीबा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड की मालकिन हैं। एफआईआर में कहा गया है कि अक्टूबर की शुरुआत में उसने टाइल्स मार्केटिंग करने वाले दलसानिया को 12,000 रुपये के मासिक वेतन पर काम पर रखा था।
गुजरात में दलितों पर अत्याचार की बढ़ोत्तरी
इस पूरी घटना पर मेवाणी गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी ने कहा है कि देश में दलितों पर अत्याचार की सजा की दर 36 प्रतिशत है। लेकिन गुजरात में अत्याचार निवारण कानून के मामलों में सजा की दर पांच प्रतिशत है। इसलिए राज्य में प्रभावशाली जातियों के लोगों को खुली छूट मिल गई है। गुजरात के नागरिक को अपना वेतन मांगने पर इस तरह अपमानित किया जाए यह मानवता के खिलाफ अपराध है।