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युपी में साइबर फ्रॉड के बड़ते मामले…जानिए कैसे बचें

UttarPradesh News: युपी में साइबर फ्रॉड दिन प्नतिदिन बढ़ती जा रही है। बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा फ्रॉड UPI के जरिए हो रहे हैं। UPI मतलब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस हैं। नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल की NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 जनवरी से 2024 सितंबर में करीब 6.39 लाख शिकायतें दर्ज की गई हैं। सुत्रों के मुताबिक इनमें से 3.65 लाख साइबर क्राइम के केस UPI से जुड़े होते हैं।

कैसे बनाते हैं शिकार?

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देश में यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही साइबर क्राइम के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। साइबर अपराधी पीड़ितों की यूपीआई लॉगिन क्रेडेंशियल, पिन या ओटीपी चुराकर उनके पैसें निकाल लेते हैं। कई बार ये अपराधी सोशल मीडिया या फोन कॉल्स के जरिए पीड़ितों से संपर्क करते हैं और प्राइवेट जानकारी हासिल कर लेते हैं। इसके अलावा मैलवेयर या स्पैम लिंक के जरिए भी अपराधी पीड़ितों की डिवाइस को हैक कर उनकी निजी जानकारी चुरा लेते हैं।

यूपीआई फ्रॉड से कैसे बचें 

जैसे-जैसे डिजिटल लेन-देन का दायरा बढ़ा है, साइबर धोखाधड़ी के मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है। पूर्व आईपीएस अधिकारी डॉ. त्रिवेणी सिंह के अनुसार, यूपीआई फ्रॉड से बचने के लिए लोगों को अधिक जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है। साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता ही इन खतरों से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।

यूपीआई फ्रॉड से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव हैं जैसे:  
  • मजबूत पासवर्ड बनाएं और समय पर बदलते रहें।
  • यूपीआई एप में उपलब्ध 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (ओटीपी, फिंगरप्रिंट या पिन) का उपयोग करें।
  • अपनी डिवाइस को अपडेट रखें और एंटी-वायरस एवं सुरक्षा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें।
  •  सुरक्षित वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करें, सार्वजनिक नेटवर्क के युज से बचें।
  • फिशिंग ई-मेल्स और कॉल्स से सतर्क रहें।
  • अपनी डिवाइस से रिमोट एक्सेस एप्स जैसे एनीडेस्क को हटा दें।

 

 

 

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