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मासूम से छेड़छाड़ केस : प्रभारी मंत्री ने कंसा पेच, तो हरकत में आई पुलिस

अब प्रिंसिपल, कोर्डिनेटर, ट्रांसपोर्ट सुपरवाईज़र भी आरोपी

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हाई लाईट्स-

-कमिश्नरेट में हर अफसर तक गया परिवार, नहीं हुई सुनवाई

-पेरेंट्स एसोसिएशन, हिंदू वीर सेना ने परिवार संग उठाया मामला

-धरना-प्रदर्शन भी मंत्रीजी से पहले हुए बेकार

 

यादराम

Ghaziabad(यूपी)। बड़े-बुजुर्ग कहते आए हैं कि आज के दौर में लोगों को गरीब की महरारू भोजाई तो रसूखदार की बहनजी दिखती है। यानि रसूखदार हैं तो आपको सब तवज्जो देंगे, वरना ! तू कौन मैं ख्वा-मैं-ख्वा ? गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में खाकी का हाल भी कुछ ऐसा ही है। यदि आपको न्याय की दरकार है, तो आपके पास कुछ चीजें होना बेहद जरूरी है। इनमें सबसे पहले पैसा, फिर पहुंच और तीसरा रसूख। जी हां यदि आपके पास ये है तो आपको न्याय भी मिलेगा और आपके साथ अन्याय करने वाले को सजा भी। दो हफ्ते पहले शहर के पॉश इलाके नेहरू नगर के एसडी ग्लोबल स्कूल में पढ़ने वाली 5 साल की मासूम के साथ हुई घटना इसका ताजा उदाहरण है।

 

पहले पुलिस ने ये किया

बीती 26 सितम्बर को गाजियाबाद निवासी एक व्यक्ति ने कविनगर थाने में पुलिस को तहरीर देकर एसडी ग्लोबल स्कूल के कैब ड्राइवर अरुण कुमार और दो आया ज्योति और प्रभा पर उनकी बच्ची के साथ अश्लील हरकतें करने और कराने में मदद का आरोप लगाते हुए शिकायत की। पहले तो पुलिस मामले को लटकाती रही। जब नौबत धरने-प्रदर्शन तक पहुंची, तो पुलिस ने कैब चालक को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया और कार्रवाई की इतिश्री कर दी। जबकि परिवार वालों का आरोप था कि कैब में दोनों आया की मौजूदगी में कैब चालक बच्ची से गन्दी हरकतें करता था। इस मामले में पीड़ित बच्ची के पिता ने विद्यालय की प्रिंसिपल डॉ ज्योत्सना शर्मा कोर्डिनेटर रितु बत्रा और ट्रासंपोर्ट सुपरवाइजर नितेश तोमर और दीपांशु पर भी उसकी बच्ची के साथ हुई घटना में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। परिवार वाले उच्चाधिकारियों से भी मामले में कार्रवाई के लिए लगातार संपर्क करते रहे। यहां तक कि गाजियाबाद में सक्रिय पेरेंट्स एसोसिएशन और हिन्दू वीर सेना के पदाधिकारियों ने भी विरोध प्रदर्शन के जरिये उच्चाधिकारियों तक मामले को पहुंचाने का प्रयास किया, मगर कहीं सुनवाई नहीं हुई।

प्रभारी मंत्री से शिकायत से गर्माया केस

इस मामले को लेकर पेरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ पीड़ित बच्ची का परिवार चंद रोज पहले गाजियाबाद दौरे पर आए जिले के प्रभारी मंत्री असीम अरूण से मिला और उनसे घटना की लिखित शिकायत की। प्रभारी मंत्री के हस्तक्षेप के बाद जब उच्चाधिकारियों को मामले का संज्ञान लेने को कहा गया तब जाकर पुलिस हरकत में आई और आगे की कार्रवाई की।

प्रभारी मंत्री की पैरवी का असर

हालाकि मामले को लेकर लगातार परिवार वाले भी धरना प्रदर्शन करते रहे और प्रभारी मंत्री के मामले में पुलिस के पेच टाइट करने के बाद पुलिस ने चार लोगों के नाम और मुकदमे में बढ़ा दिए हैं। और दो आया ज्योति और प्रभा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। विद्यालय की प्रिंसिपल डॉ ज्योत्सना शर्मा, कोर्डिनेटर रितु बत्रा और ट्रासंपोर्ट सुपरवाइजर नितेश तोमर, दीपांशु पर भी उसकी बच्ची के साथ हुई घटना में लापरवाही बरतने का आरोप पड़ताल में दर्ज कर लिया है। जाहिर है कि अब इन पर भी गिरफ्तारी या जेल जाने की तलवार लटक गई है।

कैब के शीशों पर चढ़ी थी काली फिल्म

पीड़ित बच्ची के पिता ने बताया कि स्कूल की जो कैब उनकी बच्ची को लेने आती थी, उसके शीशों पर काली फ़िल्म चढ़ी हुई थी। जबकि नियमानुसार स्कूली बच्चों को ले जाने वाली गाड़ी के शीशे पारदर्शी होने चाहिए। उन्होंने कहा है कि वह अपनी बच्ची के दोषियों को सजा दिलवा कर रहेंगे। जिससे कोई अन्य बच्ची ऐसे दरिंदों का शिकार न बन सके।

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