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Friday, November 22, 2024
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Jharkhand : ये कैसा लोकतंत्र? महिला को डायन-चरित्रहीन बताकर पंचायत ने की सारे हदें पार!

Jharkhand News : वैसे तो भारत लोकतांत्रिक देश है। यहां सजा देने का अधिकार कानून को है। लेकिन गांवों में आज भी पंचायत के फैसले को पत्थर की लकीर समझा जाता है और बेगुनाहों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। ऐसा ही एक मामला झारखंड (Jharkhand news) के गढ़वा (Garhwa) से सामने आया है। जहां एक पंचायत द्वारा तालिबानी फैसला सुनाने का मामला सामने आया है।

बता दें कि गढ़वा में एक पंचायत (Panchayat Talibani Saza) ने एक महिला को डायन करार दिया। इससे भी मन नहीं भरा तो उसे चरित्रहीन बताकर ना उससे दुर्व्यवहार किया बल्कि भरी पंचायत में उससे जूते पर थूक चटवाया और महिला की जूतों से बुरी तरह पीटा। जब पंचायत को ये सब करने के बाद भी संतुष्टि नहीं मिली तो 100 बार कान पकड़ कर महिला से उठक-बैठक भी करवाए।

दो महीने से परेशान है पीड़िता और उसका परिवार

यह मामला मेराल थाना क्षेत्र का है। महिला के साथ इतना सब होने के बाद भी इस मामले में थाना में आवेदन देने के बावजूद भी दो महीने से प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। परेशान होकर पीड़िता ने 19 नवंबर को ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराई। ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के बाद यह मामला हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है।

ये है पूरा मामला

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पीड़िता ने अपने आवेदन में गांव के कुछ लोगों पर आरोप लगाया है कि 15 अगस्त की रात 12 बजे उसे और उसके पति को पंचायत में ले गए। वहां पंचायत ने पीड़िता के पति पर दबाव बनाते हुए कहा कि तुम्हारी पत्नी का गांव के ही एक युवक के साथ नाजायज संबंध है। हालांकि, पीड़िता के पति ने अपनी पत्नी का सपोर्ट किया और इससे इनकार करते हुए पत्नी को निर्दोष बताया।

इसके बावजूद पंचायत ने पीड़िता से 100 बार कान पकड़ कर उठक बैठक करवाया। पंचायत में जुटे एक युवक ने महिला को 20 जूते भी मारे और उसे जूते पर थूककर चाटने के लिए मजबूर कर दिया।

पुलिस ने नहीं लिया कोई एक्शन

इस घटना के बाद अगले दिन यानि 16 अगस्त को जब पीड़िता ने थाने में जाकर प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया तो पुलिस वालों (Jharkhand Police) ने कोई एक्शन नहीं लिया, कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टा गांव के ही युवकों ने मिलकर फिर से पंचायत बुलवाई और इस बार पंचायत में पीड़िता के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगाते हुए उससे 56 हजार रुपये जुर्माना ले लिया गया। जबकि पीड़िता ने किसी भी तरह के अवैध संबंध होने से इनकार किया था।

पीड़िता और उसके परिवार को किया बहिष्कृत

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पीड़िता का कहना है कि ये सब उसे चरित्रहीन साबित करने के लिए किया गया था। इसके बाद पीड़िता को गांव और आसपास के हैंडपंप से पानी लेने से रोकने दिया गया और समाज से बहिष्कृत करने का फरमान जारी कर दिया गया। इस घटना को लेकर पीड़िता और उसके परिवार के लोग दहशत में हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं।

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