Kanpur Cyber Fraud : साइबर ठगों का जाल दिन प्रतिदिन इस प्रकार बढ़ता जा रहा है कि लोग उसमें अनजाने में फंस कर लाखों रुपये गवां दे रहे हैं। कहीं साइबर ठग नकली पुलिस बन लोगों को डरा कर अपने जाल में फंसा लेते हैं तो कहीं मोटा मुनाफा कमाने के नाम पर लोग इनके जाल में आसानी से फंस जा रहे हैं। कुछ ऐसे ही मामले कानपुर में फिर एक बार सामने आए हैं, जिसमें लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई इनके झांसे में आकर गवां दी।
पहला मामला-
कानपुर के चकेरी थानाक्षेत्र में सेवानिवृत एयरफोर्स कर्मी का संदिग्ध फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने का झांसा देकर साइबर ठगों ने 54 हजार रुपये की ठगी की घटना को अंजाम दिया। चकेरी गांधीग्राम निवासी सुरेंद्र कुमार द्विवेदी ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनके पास आठ अप्रैल की सुबह एक अंजान नंबर से फोन आया और खुद को डीसीपी शर्मा बताया। उसने कहा कि उनकी एक फोटो यूट्यूब पर वायरल (Kanpur Cyber Fraud News) हो रही है। फिर आरोपी ने उन्हें धमकाया, कहा कि चकेरी थाना पुलिस को घर भेज कर गिरफतार करा लेंगे और 12 साल के लिए जेल में डाल दिया जाएगा। फिर आरोपी ने उन्हें कई बार फोन कर दबाव बनाया।
वायरल फोटो हटवाने के नाम पर की ठगी
फोटो हटवाने के बारे में पूछने पर उसने एक बबलू नाम के युवक का मोबाइल नंबर दिया। जिसने पीड़ित से फोटो को वायरल करने से रोकने के लिए 5520 और 17000 रूपये ऑनलाइन ले लिए। इसके बाद आरोपी डीसीपी शर्मा नाम के व्यक्ति ने फिर फोनकर फेसबुक पर फोटो के वायरल होने से रोकने के लिए लव मेहिल नाम के व्यक्ति को 31,500 रुपये ऑनलाइन भुगतान करा दिया। इसके बाद फिर आरोपी ने उन्हें कमीशन काटकर 24 घंटे में रकम वापस होने का झांसा देकर 15,500 रुपये का फिर भुगतान करने को कहा। इस पर पीड़ित ने असमर्थता जताई।
पूरे मामले में सेवानिवृत्त एयरफोर्स कर्मी ने यह नहीं बताया ,कि वह किस तरह की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करने की बात कह रहा था। पीड़ित का कहना है कि वह काफी अनुभवी हैं फिर भी उसके झांसे में आ गए। इस संबंध में पुलिस का कहना है कि मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच की जा रही है।
दूसरा मामला-
दूसरा मामला भी चकेरी थानाक्षेत्र के रहने वाले एयरफोर्स कर्मी के साथ ही घटित हुआ। मूलरूप से चंडीगढ़ निवासी विश्वजीत दास चकेरी एयरफोर्स स्टेशन ने जूनियर वारंट ऑफीसर के पद पर कार्यरत हैं। उनका चंडीगढ़ एसबीआई में बैंक खाता है।
उन्होंने बताया कि उनके मोबाइल पर छह मई की रात करीब बजे एक नंबर पर एसबीआई रिवार्ड प्वाइंट्स के एक्सपायरी होने का एसएमएस आया। जिस लिंक पर उन्होंने जिज्ञासा वश दूसरे दिन सात मई को क्लिक कर दिया।
इसके बाद एसबीआई का योनो एप का पेज खुला व एक ओटीपी ऑटो जेनेरट हुआ। इस पर बैंक खाते पर ऑटो फिलंग ऑप्शन होने के कारण स्वयं ही इनपुट हो गया। इसके तीन मिनट बाद बैंक से पचास हजार रुपये निकलने का मैसेज आया। ठगी का शिकार होने के बाद तुरत नजदीकी एसबीआई बैंक शाखा और साइबर क्राइम ब्रांच में संपर्क किया।