वाराणसी : वाराणसी बीएचयू में IIT की छात्रा के साथ छेड़छाड़ हुई थी। छेड़छाड़ के बाद आईआईटी के छात्र धरने पर बैठ गए थे। धरने पर बैठे छात्रों ने आईआईटी की सुरक्षा के लिए दीवार बनाने की मांग की थी। दीवार बनाने की मांग BHU प्रशासन ने मान भी लिया।
दीवार बनाने के फैसले के विरोध में अन्य छात्र भी आ गए है। हजारों की संख्या में छात्रों का हुजूम बीएचयू की सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि सुरक्षा बढ़ाने के और भी तरीके है। दीवार बनाकर ही सुरक्षा बढ़ाना बीएचयू को बांटने जैसा है।
बीएचयू प्रशासन ने दीवार बनाने से किया इंकार
IIT- BHU कैम्पस की अलग दीवार बनाने की मांग तो बीएचयू प्रशासन ने पूरी कर ली, लेकिन उसके बाद से ही उसका विरोध शुरू हो गया। सोमवार को हजारों की संख्या में छात्रों का हुजूम विश्वनाथ मंदिर के सामने से लेकर मालवीय भवन तक मार्च निकाला। छात्रों ने कहा कि बीएचयू और आईआईटी के बीच दीवार नही बनने देंगे। छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए विश्विद्यालय प्रशासन ने दीवार बनाने से इंकार कर दिया है। छात्रों की भीड़ को देखकर प्रशासन के पसीने छूट गए। छात्र महामना की तश्वीर लेकर प्रदर्शन करने के लिये आये हुए थे।
एक कैम्पस, एक प्राक्टर और हो एक कुलपति
बीएचयू के छात्र ने बताया कि जैसे भारत एक राष्ट्र है। उसका विभाजन नही सह सकते है। वैसे ही महामना की बगिया भी एक राष्ट्र है, उसको खंडित होना नही सह सकते है। महामना का सपना था कि एक छत के नीचे सबको शिक्षा मिले। बीएचयू में एक कैम्पस, एक प्रॉक्टर व एक कुलपति हो। इन्ही मांगो को लेकर हम लोगों ने आज प्रतिकार रैली निकाली गई थी, जिसमें हजारों की संख्या में छात्रों ने भाग लिया था।