Delhi Assembly: मंगलवार को Delhi Assembly में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 लंबित रिपोर्ट पेश की जाएंगी। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के नवीनीकरण और आबकारी नीति में अनियमितताओं से जुड़े खुलासे शामिल हैं। बीजेपी सरकार का आरोप है कि आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने इन रिपोर्टों को दबाने की कोशिश की थी। अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में नई सरकार इन्हें सार्वजनिक कर रही है, जिससे सदन में तीखी बहस और हंगामे के आसार हैं।
‘शीशमहल’ विवाद पर बड़ा खुलासा
CAG रिपोर्ट में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी आवास के नवीनीकरण में गंभीर अनियमितताओं का दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रोजेक्ट के लिए 2020 में 7.61 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ था, लेकिन अप्रैल 2022 तक लागत बढ़कर 33.66 करोड़ रुपये हो गई, जो 342% की वृद्धि दर्शाती है।
बीजेपी इस आवास को ‘शीशमहल’ कहकर चुनाव प्रचार में मुद्दा बनाती रही है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इस परियोजना में नियमों का उल्लंघन कर कैंप ऑफिस और स्टाफ ब्लॉक को भी आवास में शामिल किया गया। बीजेपी इसे सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला बता रही है, जबकि आम आदमी पार्टी ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है।
शराब नीति पर फिर उठे सवाल
CAG रिपोर्ट में आबकारी नीति से जुड़ी अनियमितताओं का भी जिक्र है। AAP सरकार पर आरोप है कि उसने निजी शराब विक्रेताओं को अनुचित लाभ पहुंचाया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। इस नीति को लेकर पहले से ही जांच चल रही है और कुछ नेता गिरफ्तार भी हो चुके हैं। रिपोर्ट के आने के बाद इस मामले पर राजनीतिक गरमाहट और बढ़ सकती है।
विधानसभा में हंगामे के आसार
बीजेपी का कहना है कि AAP सरकार ने इन रिपोर्टों को दबाने की कोशिश की थी, इसलिए अब इन्हें सार्वजनिक किया जा रहा है। वहीं, आम आदमी पार्टी इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है। कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर केजरीवाल सरकार की आलोचना की है।
CAG रिपोर्ट के इन खुलासों के बाद Delhi Assembly में बड़ा सियासी घमासान तय माना जा रहा है।