Arvind Kejriwal : 2015 में जब अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तब उनकी मुफ्त बिजली, पानी और बस सेवाओं की योजनाओं ने काफी सुर्खियां बटोरीं। अब, दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं, तो यह सवाल एक बार फिर उठ रहा है कि अगर सरकार बदलती है, तो क्या ये योजनाएं जारी रहेंगी। इन योजनाओं में महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा, विधवा पेंशन, सीनियर सिटीजन पेंशन, तीर्थ यात्रा योजना जैसी सुविधाएं पहले से ही लागू हैं। इसके अतिरिक्त, महिलाओं को मासिक भत्ता देने का वादा भी किया गया है। आइए, जानते हैं कि इन फ्री योजनाओं से आम नागरिकों को हर महीने कितनी बचत हो रही है।
मुफ्त बिजली से कितनी बचत होती है?
दिल्ली सरकार आम नागरिकों को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देती है, और 201 से 400 यूनिट तक 50% सब्सिडी प्रदान करती है। अगर हम बिजली के बिल की बात करें, तो 200 यूनिट का बिल लगभग 800 रुपये तक आता है, जिसमें मीटर और मेंटेनेंस शुल्क भी शामिल होते हैं। वहीं, 400 यूनिट का बिल लगभग 2100 रुपये आता है, लेकिन सरकार की सब्सिडी के चलते यह बिल 1100 से 1200 रुपये तक सीमित हो जाता है। इस तरह से, मुफ्त बिजली से एक सामान्य व्यक्ति को हर महीने करीब 1000 रुपये की बचत होती है।
मुफ्त पानी से कितनी बचत होती है?
दिल्ली में सरकार 20,000 लीटर तक मुफ्त पानी प्रदान करती है। यदि यह सुविधा न होती, तो एक सामान्य परिवार को 350 रुपये तक पानी का बिल चुकाना पड़ता। अगर पानी की खपत 20,000 लीटर से अधिक होती, तो बिल और भी ज्यादा बढ़ जाता। मुफ्त पानी की इस योजना से हर परिवार को लगभग 500 रुपये की बचत होती है।
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महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा
दिल्ली सरकार ने 2019 से महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू की। इसका लाभ यदि पैसे में बदला जाए, तो एक महिला हर महीने कम से कम 1250 रुपये बचाती है, अगर वह रोजाना बस यात्रा करती है। इन तीन प्रमुख योजनाओं से एक सामान्य परिवार को हर महीने करीब 2500 रुपये की बचत हो रही है। इन योजनाओं से यह स्पष्ट होता है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने आम आदमी की जिंदगी को कितनी राहत दी है, और इन लाभों से नागरिकों के हर महीने की बचत पर सकारात्मक असर पड़ा है।