Chanakya Niti: चाणक्य नीति प्राचीन भारत के महान रणनीतिकार, विद्वान, शिक्षक, सलाहकार और अर्थशास्त्री चाणक्य द्वारा लिखी गई थी। मौर्य वंश की सफलता के पीछे चाणक्य की कूटनीति थी। महान रणनीतिकार और अर्थशास्त्री चाणक्य ने अपनी नीतियों के बल पर नंद वंश को नष्ट कर दिया था और एक साधारण बच्चे चंद्रगुप्त मौर्य को अपनी नीतियों के कारण मगध का सम्राट बना दिया था। चाणक्य को न केवल राजनीति बल्कि समाज के हर विषय का भी गहरा ज्ञान और अंतर्दृष्टि थी।
जैसे जन्म से अंधा व्यक्ति कुछ भी नहीं देख सकता है, वैसे ही काम और क्रोध के नशे में धुत व्यक्ति को इसके अलावा कुछ नहीं दिखता। वहीं स्वार्थी व्यक्ति को भी किसी में कोई दोष नजर नहीं आता। उसके लिए सब समान है। इसलिए स्वार्थ में लिप्त व्यक्ति से कभी मित्रता नहीं करनी चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति क्रोधित होता है और यौन संबंध रखता है या कहता है कि वह काम और क्रोध के नशे में है, उसे अपनी गलती से भी मदद नहीं करनी चाहिए। ऐसे लोग अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए हमेशा दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसा करने से उन्हें खुशी मिलती है। ऐसे लोगों की दुश्मनी भी अच्छी नहीं होती।
चाणक्य के नीति शास्त्र के अनुसार जो लोग दुष्ट और लालची होते हैं, वे दूसरों की प्रगति देखकर ईर्ष्या करने लगते हैं, इसलिए ऐसे लोगों को जीवन में किसी भी तरह की मदद नहीं लेनी चाहिए। ऐसे लोग ऊपर से जरूर दिखाएंगे कि वे आपकी मदद कर रहे हैं, लेकिन अंदर ही अंदर वे आपके काम को बिगाड़ने की कोशिश करेंगे।