Shyam Benegal Death: यह सुनकर बहुत दुख हुआ कि हिंदी सिनेमा के महान फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल का निधन हो गया है। उनके निधन से भारतीय फिल्म उद्योग को एक अपूर्णीय क्षति हुई है। ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में उनकी अंतिम सांस लेना इस बात का प्रमाण है कि वे अपने स्वास्थ्य संघर्षों के बावजूद फिल्म निर्माण के प्रति कितने समर्पित थे। श्याम बेनेगल ने अपने जीवन में कई यादगार फिल्मों का निर्माण किया और उन्हें एक अद्वितीय दृष्टिकोण देने के लिए जाना जाता था। उनकी फिल्मों ने समाज के विविध पहलुओं को उजागर किया और उन्होंने भारतीय सिनेमा में एक नया आयाम जोड़ा। उन्होंने 14 दिसंबर को अपने भव्य प्रोजेक्ट्स के बारे में बात की थी, जो उनकी फिल्मी जिज्ञासा और जुनून को दर्शाता है। उनका यह समर्पण और काम के प्रति प्यार हमेशा याद किया जाएगा। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएँ।
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श्याम बेनेगल ने अपनी शानदार फिल्मों के लिए कई अवॉर्ड जीते
भारतीय सिनेमा के दिग्गज डायरेक्टर श्याम बेनेगल की लोकप्रिय फ़िल्में ‘अंकुर’, ‘जुबैदा’ थीं. वे ‘भारत एक खोज’ लोकप्रिय सीरियल के निर्देशक भी रह चुके हैं. कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें अठारह नेशनल फिल्म अवॉर्ड, फिल्मफेयर अवॉर्ड, और दादा साहब फाल्के पुरस्कार शामिल हैं। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। उनका जन्म हैदराबाद में हुआ और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कॉपीराइटर के तौर पर की थी, लेकिन जल्द ही उन्होंने निर्देशन की दुनिया में कदम रखा। उनकी फिल्में न केवल कला थीं, बल्कि उन्होंने सामाजिक बदलाव और संवेदनशीलता के मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया।
श्याम बेनेगल ने 1990 के दौर में भारत की मुस्लिम महिलाओं पर फिल्में बनाई, जिसकी शुरुआत ‘मम्मो’ से हुई. यह फिल्म 1994 में रिलीज हुई थी. उन्होंने फिर ‘सरदारी बेगम’ और ‘जुबैदा’ से भारतीय मुस्लिम महिलाओं के जीवन को बयां किया।
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